भारत सरकार ने इस समय अनुच्छेद 370 को लेकर अपना रूख साफ कर दिया है.जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव और संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह ने साफ कर दिया है कि अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद अब इसका विरोध करने का कोई मतलब नहीं है. जब बहुमत से निर्णय हो गया है, तो इसके खिलाफ छाती पीटना उचित नहीं है. जेडीयू के कुछ नेता अभी भी अनुच्छेद 370 की समाप्ति का विरोध कर रहे हैं.आरसीपी ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि इस मुददे पर पार्टी का स्टैंड साफ है. जिन्हें पार्टी में मन नहीं लगता है, वे कहीं और चले जाएं. पार्टी में इसे लेकर कोई मतभेद नहीं है. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से
यहां जॉब के लिए लड़कियों को देना पड़ता है ऐसा टेस्ट..
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जेडीयू के विधान परिषद सदस्य गुलाम रसूल बलियावी और पूर्व सांसद डा मोनाजिर हसन सहित कुछ नेता आज भी अनुच्छेद 370 की समाप्ति का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई में ही आगामी विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा.
पत्नी की हत्या कर हथियार लेकर थाने पहुंचा पति, कहा- 'गिरफ्तार कर लो...'
अपने बयान में आरसीपी सिंह ने कहा कि जेडीयू ने संसद के दोनों सदनों में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया. विरोध करने का तरीका है. पक्ष-विपक्ष में मतदान करने के अलावा मतदान में हिस्सा न लेना भी संसदीय कार्यप्रणाली का हिस्सा है. पार्टी ने मतदान के पक्ष-विपक्ष में हिस्सा न लेकर इसका विरोध किया. आरसीपी सिंह ने कहा कि प्रस्ताव के विरोध में मतदान कर वे कांग्रेस के साथ खड़े हो जाते.संसद ने बहुमत के आधार पर अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया है. अब यह अस्तित्व में नहीं है. हम सबको बहुमत का सम्मान करना चाहिए. अब इसके नाम पर छाती पीटने का कोई मतलब नहीं है.विवादास्पद मुददों पर जेडीयू का विरोध जारी रहेगा. अयोध्या के सवाल पर कहा कि मामला अदालत में चल रहा है. सबको फैसले का इंतजार क रना चाहिए.
कांस्टेबल भर्ती मामला पहुंचा इलाहाबाद हाईकोर्ट
आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज
पंजाब में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात, पाए गए फिदायीन हमले के इनपुट्स