नई दिल्ली: पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना महामारी के लिए आयुर्वेदिक दवा बना लेने का दावा किया है। संस्थान की तरफ से हरिद्वार में मंगलवार दोपहर 12 बजे 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' (Divya Coronil Tablet) लॉन्च की गई है। यहां योग गुरु रामदेव और पतंजलि CEO बालकृष्ण इस दवा के क्लिनिकल ट्रायल के परिणाम एक बारे में बता रहे हैं। यह दवा पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट और नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जयपुर ने मिलकर तैयार की है। कंपनी का दावा है कि 'कोरोनिल' का क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल आखिरी चरण में है। फिलहाल इसका प्रॉडक्शन हरिद्वार की दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा किया जा रहा हैं।
रेगुलेटर से अप्रूवल के बाद, दवा का क्लिनिकल ट्रायल इंदौर और जयपुर में किया गया है। बालकृष्ण के अनुसार, लोगों को योग भी करना चाहिए और इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए प्रॉपर हेल्दी डाइट लेना चाहिए। बालकृष्ण ने कहा कि, कोरोना आउटब्रेक शुरू होते ही वैज्ञानिकों की एक टीम इसी काम में लग गई थी। पहले स्टिमुलेशन से उन कम्पाउंड्स को पहचाना गया तो वायरस से लड़ते हैं और शरीर में उसे फैलने से रोकते हैं। उन्होंने कहा कि, सैकड़ों कोरोना संक्रमित मरीजों पर इस दवा की क्लिनिकल केस स्टडी हुई जिसमें 100 फीसद नतीजे मिले। उनका दावा है कि कोरोनिल कोरोना संक्रमित मरीजों को 5 से 14 दिन में ठीक कर सकती है।
बालकृष्ण के मुताबिक, कोरोनिल में गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, श्वसारि रस और अणु तेल का मिश्रण है। उनके अनुसार, यह दवा दिन में दो बार- सुबह और शाम को ली जा सकती है। पतंजलि ने बताया कि, अश्वगंधा से कोरोना वायरस के रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (RBD) को शरीर के ऐंजियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एंजाइम (ACE) से नहीं मिलने देता। यानी कोरोना मानवीय शरीर की स्वस्थ्य कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता। वहीं गिलोय कोरोना संक्रमण को रोकता है। तुलसी कोरोना वायरस के RNA पर अटैक करती है और उसे मल्टीप्लाई होने से रोकती है।
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