भारत में कई त्यौहार मनाये जाते हैं जिसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी शामिल होते हैं. हर धर्म के त्यौहार को मनाया जाता है. ऐसे ही पारसी धर्म में त्यौहार मनाने की परंपरा की है जो सालों से चली आ रही है. दरअसल, आज पारसी नववर्ष है जिसे आज भी उसी तरह मनाया जाता है जैसे कई सालों पहले बनाया जाता है. ‘नवरोज’ पारसी नववर्ष को खास बनाती है पारसी नववर्ष को नवरोज़ भी कहा जाता है जो पारसी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं.
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पारसी की कुछ परंपरा के बारे में आज हम बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आप भी नहीं जानते होंगे. पारसी समुदाय के लिए पारसी नववर्ष मनाने के कुछ खास नियम होते हैं और उसी नियम के साथ उन्हें ये दिन मनाना होता है.
* सबसे पहले पारसी नववर्ष के दिन सुबह जल्दी उठें, घर को साफ-सुथरा करें और घर में चन्दन का पाउडर छिड़कें.
* घर को गुलाब के फूलों से सजाएं और चमेली के फूलों का इस्तेमाल करें ताकि घर और भी रोशन हो जाये.
* घर में लाल रंग की रंगोली बनाएं इससे आपके घर में सुख समृद्धि बनी रहेगी.
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* इस दिन गुलाब के पानी से सुगंधित स्नान करन शुभ माना जाता है.
* पारसी नववर्ष को और भी खास बनाने के लिए पारसी मंदिर अग्यारी (अगियारी) में जाएँ और अपनी मंगल कामना के लिए प्रार्थना करें.
* इस तरह अपने परिजनों के शुभकामनाएं दें और मेहमानों में मिठाई का बाटें.
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