May 07 2019 07:00 AM
आप सभी को बता दें कि इस बार परशुराम जयंती 7 मई को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया है. इसी के साथ इस दिन अक्षय तृतीया भी है. आप सभी को बता दें कि प्राचीन समय में इसी तिथि पर भगवान विष्णु के अवतार परशुराम का जन्म हुआ था और ऋषि जमदग्नि और रेणुका परशुराम के माता-पिता थे. वहीं उनके तीन बड़े भाई थे, जिनके नाम रुक्मवान, सुषेणवसु और विश्वावसु था.
कहते हैं परशुराम अष्टचिरंजीवियों में से एक माने गए हैं. आप सभी को यह भी बता दें कि कहा जाता है कि एक किंवदंती के अनुसार मध्यप्रदेश के इंदौर के पास स्थित महू से कुछ ही दूरी पर स्थित है जानापाव की पहाड़ी पर भगवान परशुराम का जन्म हुआ था और यहां पर परशुराम के पिता ऋर्षि जमदग्नि का आश्रम था. कहा जाता है प्रचीन काल में इंदौर के पास ही मुंडी गांव में स्थित रेणुका पर्वत पर माता रेणुका रहती थीं और पवित्र तीर्थ जानापाव से दो दिशा में नदियां बहतीं हैं इसी के साथ यह नदियां चंबल में होती हुईं यमुना और गंगा से मिलती हैं और बंगाल की खाड़ी में जाता है और कारम में होता हुआ नदियों का पानी नर्मदा में मिलता है.
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