नई दिल्ली : संसद में शीतकालीन सत्र की शुरूआत हो गई है। सत्तापक्ष और विपक्ष द्वारा शीतकालीन सत्र को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसे लेकर विपक्ष भी अपनी रणनीति बनाने में लगा है। दूसरी ओर केंद्र सरकार से जुड़े सांसद जीएसटी और अन्य बिल पारित करवाने को लेकर प्रयास कर सकते हैं। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में रहकर विरोध को संभालने का प्रयास करेंगे। संविधान और डाॅ. भीमराव आंबेडकर को लेकर होने वाली चर्चा में सत्तापक्ष द्वारा हस्तक्षेप करने के साथ आरक्षण को लेकर विवाद का उत्तर दिया जा सकता है।
दरअसल संसद का शीतकालीन सत्र आज से प्रारंभ हो गया है। इसके लिए पक्ष और विपक्ष द्वारा जमकर तैयारियां की हैं। सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों संसद की कार्रवाईयों को लेकर अपनी - अपनी तैयारियों में लगे हैं। दूसरी ओर सदन में देश के पहले संविधान दिवस मनाए जाने को लेकर भी तैयारियां की हैं। संसद के सत्र के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को पहले संविधान दिवस की शुभकामनाऐं प्रदान कीं।
उन्होंने कहा कि देश के पहले संविधान दिवस होने से यह दिन बहुत ही प्रेरक है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि संसद के सत्र के दरमियान उत्तम विचारों से उत्तम चर्चा से उत्तम नए नए अन्वेषणात्मक विचारों से भीतरी सदन उतना ही चमकता रहेगा। उन्होंने सभी दलों के सांसदों से भेंट होने की बात का उल्लेख किया और कहा कि सभी के रूख से लगा कि सभी इस दिशा में सकारात्मक हैं कि संसद की कार्रवाई अच्छी तरह से चले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संवाद से बड़ा कोई केंद्र नहीं हो सकता है।
अन्य कार्यों को लेकर पूरा देश उपलब्ध है लेकिन संवाद और वाद के लिए सकारात्मक माहौल बन सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी सुचारूरूप से संसद की कार्रवाई चलाऐंगे इस पर सहमति बनेगी। सरकार इन सभी बातों पर नरम पड़ते हुए कांग्रेस के संशोधनों को शामिल करने का संकेत कर चुकी है।
दूसरी ओर संसद के सत्र के पहले हुई सर्वदलीय बैठक में कहा गया कि विपक्ष आर्थिक सुधार के मसले पर अड़ना नहीं चाहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीएसटी को पारित करवाने के लिए वित्तमंत्री अरूण जेटली सभी दलों की आशंकाओं को दूर करेंगे और उनसे चर्चा करेंगे। विपक्ष कुछ शर्तों पर चर्चा करना चाहता है। जिसके बाद ही वह सरकार से मदद के लिए राजी हो पाएगा। लोकसभा अध्यक्ष सांसद सुमित्रा महाजन ने सर्वदलीय बैठक में अपील की कि सभी सांसद संसद के अंदर शिष्टाचार निभाऐं। सत्र में प्रारंभ से ही सभी एक दूसरे के साथ सहयोग करेंगे।