नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र के शुरु होने के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बात रखेंगे। गुरुवार को हुई बहस के बाद मोदी की दलीलें सुनने का सभी इंतजार करेंगे। संविधान दिवस की घोषणा के बाद से संविधान के मुद्दे पर छिड़ी बहस को लेकर पहले ही संसद का माहौल गरमाता दिख रहा है। ऐसे में पीएम का कथन किस नए विवाद को जन्म देगा या फिर विवाद में ठंढक का काम करेगा यह देखना वाकई दिलचस्प होगा।
विपक्ष की नजरों से बचना जहाँ एनडीए के लिए आसान नही होगा तो वहीं अपनी कथनी कला में माहिर मोदी भी विपक्ष को शांत रखने की पूरी कोशिश करेंगे। गुरुवार को कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में संविधान के बदलने पर रक्तपात की बात कही थी, जिस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा था कि आपको पता होना चाहिए कि संविधान में संशोधन होता है, बदलाव नही।
दूसरी ओर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आमिर खान के बयान पर परोक्ष टिप्पणी करपते हुए कहा था कि संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर को भी देश में कई तरह के अपमान से दो-चार होना पड़ा था, लेकिन उन्होने कभी बारत छोड़ने की बात नही की। इस पर सोनिया गांधी ने जवाब में कहा कि संविधान को लागू करने वाले अगर गलत हों तो अच्छे से अच्छा संविधान भी गलत बन जाता है।
शुक्रवार को संसद की सभा में वित मंत्री अरुण जेटली भी अपना मत रखेंगे। संसद का शीतकालीन सत्र 26 नवंबर से शुरु होकर 23 दिसंबर तक चलेगा। ऐसे में मोदी सरकार का सबसे बड़ा मकसद जीएसटी बिल को पारित करा4ना होगा। इसके अलावा 18 और ऐसे बिल है, जो संसद में अटके पड़े है।