संसद-केंद्रीय मंत्रालय भूकम्प के दायरे में
संसद-केंद्रीय मंत्रालय भूकम्प के दायरे में
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दिल्ली में भूकम्प आने की स्थिति में खतरे का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन पूर्वी दिल्ली के कई इलाको में भूकंप का खतरा सबसे ज्यादा है. भुकम्प के कारण पूर्वी दिल्ली और यमुना के पास के कई इलाके जोखिम से भरे है, इन इलाको के पास घनी आबादी अधिक  है जिससे भूकंप की स्थिति में ज्यादा खतरा हो सकता है. हालांकि संसद, केन्द्रीय मंत्रालय, में जोखिम ज्यादा नहीं है |

भू-विज्ञान मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के उन इलाको की जानकारी पेश की गयी है, जिनमे भूकंप के दौरान खतरा ज्यादा हो सकता है. दिल्ली कि ढांचागत इकाई को मजबूत करने और भूकंप से बचाव के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन राय के द्वारा यह रिपोर्ट पेश कि गयी जिसमे दिल्ली को तीन जोंन में बांटा गया है यह जोन हेजर्ड इंडेक्स के मानको के आधार पर तैयार किये गए है | 

दिल्ली के सरिता बिहार, जनकपुरी, करोल बाग, रोहिणी जहांगीरपुरी, पश्चिम बिहार ऐसे कई इलाके है जिनमे भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा है इनमे से अधिकतर इलाके यमुना के किनारे बसे हुए है जबकि जेएनयु, एम्स, छतरपुर और नारायना दिल्ली के ऐसे इलाके है जो कि सबसे सुरक्षित माने जा रहे है.

भूकंप विज्ञान के राष्ट्रीय केंद्र के निर्देशक वी. के. गहलोत के अनुसार फिलहाल भूकंप का केंद्र राजधानी नहीं है, भूकंप का संभावित केंद्र हिंदूकुश पर्वत श्रंखला और हिमालय के आस-पास का क्षेत्र माना जा सकता है. जो कि दिल्ली से महज 180 किमी की दुरी पर स्थित है, जिससे दिल्ली  भूकंप कि चपेट में आ सकती है |

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