नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम जब इस दुनिया से रुखसत हो रहे थे तो उन्होंने कहा था - मेरी मौत के बाद किसी स्कूल, कॉलेज या ऑफिस में छुट्टी मत करना. मुझे सच्ची श्रद्धांजलि देनी है तो एक दिन ज्यादा काम कर लेना. कई राज्यों में डॉ. कलाम की इस इच्छा का सम्मान किया गया वही दूसरी तरफ कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की मांग पर लोकसभा और फिर इसी आधार पर राज्यसभा में दो दिन की छुट्टी कर दी गई.
मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा में कलाम को श्रद्धांजलि देने के बाद उनके सम्मान में एक दिन के लिए सदन बंद रखने की घोषणा की गई. राज्यसभा में तो सभी दलों ने इसे चुपचाप स्वीकार कर लिया लेकिन लोकसभा में कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नियमों का हवाला देते हुए 2 दिनों की छुट्टी की मांग की. उनका कहना था- जनरल परपज नियम के अनुसार यदि पूर्व प्रधानमंत्री या पूर्व राष्ट्रपति का अंतिम संस्कार दिल्ली में होता है तो संसद में एक दिन की छुट्टी रहेगी और अगर दिल्ली से बाहर हो तो दो दिन की छुट्टी रहेगी.
सिंधिया के अनुसार, अधिकतर नेता अंतिम संस्कार में शामिल होने बाहर जाएंगे, कलाम का अंतिम संस्कार उनके गृह नगर रामेश्वरम में होना है. अन्य पार्टियों के सांसदों ने भी जब इससे सहमति जताई तो स्पीकर सुमित्रा महाजन ने 2 दिन की छुट्टी रखने की घोषणा की.