देश की शिक्षा व्यवस्था की हालत भगवान तो क्या रजनीकांत भी नहीं जानते
देश की शिक्षा व्यवस्था की हालत भगवान तो क्या रजनीकांत भी नहीं जानते
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नई दिल्ली : बाॅलीवुड अभिनेता और भारतीय जनता पार्टी से सांसद परेश रावल ने जब सांसदों को संबोधित किया तो संसद में हर कहीं ठहाके गूंज उठे। दरअसल परेश रावल ने सदस्यों से सवाल किए। उनके सवाल पूछने का अंदाज़ काफी अच्छा था। सदस्य अपनी हंसी नहीं रोक पाए। सांसद परेश रावल ने देश में कुकुरमुत्ते की तरह उगने वाले निजी कोचिंग सेंटर्स का मसला उठाया। इस दौरान उन्होंने इस बात को विशेष अंदाज़ में उठाया। 

मिली जानकारी के अनुसार शून्यकाल में बाॅलीवुड अभिनेता और सांसद परेश रावल ने सवाल किए और कहा कि निजी कोचिंग सेंटर्स और उनके प्रति अभिभावकों का रूझान बढ़ गया है। यह बेहद चिंताजनक है। निजी संस्थानों से देश की शिक्षा व्यवस्था इस कदर खस्ता हुई है कि उसे भगवान क्या रजनीकांत भी नहीं जानते होंगे। इस पर सदन में जोरदार ठहाके गूंज उठे।

उनका कहना था कि कोचिंग क्लासेस में शिक्षक वे ही होते हैं जो सरकारी विद्यालयों में अध्ययन करवाते हैं। प्रश्नपत्र सेट करने वालों के बीच मिलीभगत होने का उन्होंने आरोप भी लगाया। रावल द्वारा कोचिंग संस्थान खोले जाने के लिए सरकार को नियमावली तय करने की सलाह देते हुए यह भी कहा कि देश में शैक्षणिक आतंकवाद के तौर पर इस तरह की बातें जानी जा रही हैं। 

सरकार को जानकारी नहीं है कि कोचिंग संस्थानों की संख्या कितनी है। उनका कहना था कि सरकार को इस मसले पर गंभीरता से कार्य करना होगा। जिससे एजुकेशन की हार्ड डिस्क करप्ट होने से बच जाए। परेश रावल के इस तरह से बोलने पर सदस्यों की हंसी नहीं ठहरी और हंसी के फव्वारे छूट पड़े।

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