लुप्त होने की कगार पर पहुँचे चीते
लुप्त होने की कगार पर पहुँचे चीते
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लंदन : धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाला स्तनपायी जानवर चीते का अस्तित्व खतरे में है. दुनिया में चीते की प्रजाति लुप्त होने की कगार पर पहुँच गया है. अभी जंगलों में चीतों की संख्या बताई जा रही है वह बस अनुमान ही है. एक नए अध्ययन के अनुसार चीतों के लिए प्रसिद्द केन्या के मासई मारा में उतनी संख्या नहीं है जितना सोचा पहले सोचा गया था. 19 वीं सदी की शुरुआत में धरती पर एक लाख चीते थे.

इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयुसीएन) का नवीनतम अनुमान है कि चीतों की संख्या सिर्फ 6 हजार 600 रह गई है और वह भी मुख्य रूप से पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका में है. केन्या के वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट के मारा चीता प्रोजेक्ट, ब्रिटेन की आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और कोलकाता भारतीय सांख्यिकी संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम टीम का कहना है कि चीतों को सटीक ढंग से नहीं गिन पाने के कारण यह आंकड़ा भी अनुमान भर है.

यह बता दें कि पत्रिका पीएलओएस वन नामक पत्रिका में छपे अध्ययन के अनुसार अनुसंधानकर्ताओं ने चीतों की सही जानकारी पता करने की अब नई विधि तैयार की है, जो भविष्य में चीतों के समक्ष मौजूद खतरों की भयावहता का पता लगाएगी और संभावित संरक्षण प्रयासों का मूल्यांकन करेगी .

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