पंजाब के दलित कर रहे है रावण पूजा खुद को गैर हिन्दू मानते है
पंजाब के दलित कर रहे है रावण पूजा खुद को गैर हिन्दू मानते है
Share:

पंजाब में रावण को पूजकर उसे दलित आंदोलन का मुखौटा बना लिया गया है. होशियारपुर में एक मंदिर में बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर, महर्षि वाल्मीकि और रावण की मूर्तियां स्थापित कर पूजा अर्चना हो रही है और पूजन करने वाले लोग हैं खुद को गैरहिन्दू बता रहे है. वाल्मीकि को भगवान, रावण को इष्ट देवता और बच्चों के नाम रावण के वंशजों के नाम पर. पंजाब के दलित समाज की रावण भक्ति तेजी से बढ़ रही है . पंजाब में इस आंदोलन का बीज  40 साल पहले बोया गया मगर अब सियासी चोला पहनते हुए  दलित संगठन इस आंदोलन को तेज कर रहे हैं. .

रावण सेना नाम से संगठन में अटवाल रावण, संजू चंडाल, विजय लंकेश, सुखराज लंकेश खुद को हिंदू नहीं बल्कि आदि धर्म का अनुयायी बताते हैं. एक अनुयायी दर्शन रत्न बरसों से दलितों को रावण वंश की पहचान देने में लगे हैं. दर्शन रत्न का कहना है कि दलित अपनी पहचान बदलकर ही अत्याचार से बच सकते हैं. उनका ये आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं बल्कि दलितों के उद्धार के लिए है.


दर्शन रत्न रावण के मुताबिक देश के खिलाफ विद्रोह नहीं. ना कभी दलित आदिवासी ने बोला देश के खिलाफ. ना ये किसी समाज के खिलाफ है. समाज में अच्छे बुरे लोग मौजूद हैं. ये विद्रोह उनके खिलाफ है, जिनका यकीन देश के संविधान में नहीं है. पंजाब में करीब 32% आबादी दलित समाज की है. वाल्मीकि, रामदासिया और मजहबी सिख जातियों के लोग आदि धर्म समाज, रावण सेना, वाल्मीकन आदिवासी धर्म समाज जैसे संगठन से जुड़ कर अपना नारा बुलंद कर है. 

जनगणना 2011 से जुड़े सवाल-जवाब

एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के बाद दलितों पर हिंसा बढ़ी है: बीजेपी सांसद

एएमयू आरक्षण दे नहीं तो ......

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -