Pandora papers: सचिन से लेकर अंबानी तक, विदेशों में भारतीयों की संपत्ति का सबसे बड़ा खुलासा
Pandora papers: सचिन से लेकर अंबानी तक, विदेशों में भारतीयों की संपत्ति का सबसे बड़ा खुलासा
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नई दिल्ली: विश्व के कुछ सबसे रईस और ताकतवर लोग जितने अमीर दिखते हैं, कई बार उनकी संपत्ति उससे भी कहीं अधिक होती है. फर्क केवल इतना है कि यह संपत्ति छिपी हुई होती है और इसकी जानकारी कुछ लोगों के अतिरिक्त और किसी को नहीं होती. मगर ऐसी संपत्तियों का जब खुलासा होता है तो सबकी आँखें फटी की फटी रह जाती है. 

सीक्रेट डील्स और छिपी हुई सम्पत्तियों का ऐसा ही एक खुलासा पंडोरा पेपर्स (Pandora Papers) में किया गया है, जो अमीरों और ताकतवर लोगों से जुड़ा बहुत बड़ा खुलासा है. पंडोरा पेपर्स में 11.9 मीलियन यानी 1.19 करोड़ फाइलों के इस लीक में पनामा, दुबई, मोनाको, स्वीटजरलैंड और केमन आइलैंड जैसी टैक्स हेवन मानी जाने वाली जगहों पर ट्रस्ट और कंपनियां बनाने के डाक्यूमेंट्स हैं. इसमें विश्व के 35 राजनेताओं के नाम का उल्लेख है, जिसमें मौजूदा दौर में सत्ता पर काबिज और पूर्व में सत्ता में रह चुके नेता भी शामिल हैं. इसके साथ ही कई उद्योगपतियों और कई अन्य हस्तियों के नाम भी इस सूची में हैं. हालांकि, एक सच यह भी है कि पंडोरा पेपर्स में जिन लोगों का नाम दर्ज है, उन सभी ने कोई गलत काम किया हो यह आवश्यक नहीं है.

सचिन तेंदुलकर– मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का जिक्र भी पंडोरा पेपर्स में किया गया है. बता दें कि सचिन तेंदुलकर राज्यसभा के सदस्य हैं और खेल जगत में उनका नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है. फिलहाल वह IPL में मुंबई इंडियंस के साथ जुड़े हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन पेपर्स में सचिन के साथ उनकी पत्नी अंजली तेंदुलकर, ससुर आनंद मेहता का भी नाम है.

अनिल अंबानी – देश के जाने माने उद्योगपति और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी का नाम भी इन पेपर्स में दर्ज है. बताया गया है कि अंबानी और उनके प्रतिनिधियों की जर्सी, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स और साइप्रस में 18 ऑफशोर कंपनियां हैं. यह तमाम कंपनियां 2007 से 2010 के बीच बनी हैं, जिनमें से 7 कंपनियों ने लोन लिया और 1.3 बिलियन डॉलर (9648 करोड़ रुपये से अधिक) का निवेश किया है.

 मैक्कलुम मार्शल शॉ- इसी साल जुलाई में SEBI ने एलेर्गो कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड और इसके सबसे बड़े शेयरहोल्डर कुनाल अशोक कश्यप पर अगले एक साल तक शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने से रोक लगा दी थी. कुनाल पर गलत तरीके से साढ़े तीन वर्षों में 12 फीसद के ब्याज के साथ 24.68 लाख रुपये कमाने के बाद यह एक्शन लिया गया था. इसके साथ ही बायोकॉन लिमिटेड के शेयरों में अंदरूनी व्यापार के लिए भी प्रत्येक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. उस वक़्त SEBI को यह नहीं पता था कि कुनाल कश्यप जुलाई 2015 में मॉरिशस में बनी ग्लेनटेक इंटरनेशनल द्वारा बनाए गए डीनस्टोन ट्रस्ट के सेटलर हैं. ग्लेनटेक के 99 प्रतिशत शेयर मैक्कलुम मार्शल शॉ के पास हैं और इस कंपनी के पास बायोकॉन के शेयर भी मौजूद हैं. बता दें कि मैक्कलुम मार्शल शॉ एक ब्रिटिश नागरिक हैं और 7630 करोड़ की बायोटेक्नोलॉजी इंटरप्राइज बायोकॉन लिमिटेट की एग्जक्यूटिव चेयरपर्सन किरन मजूमदार शॉ के पति हैं.

नीरव मोदी – नीरव मोदी के बारे में कौन नहीं जानता. बैकों के करोड़ों रुपये लेकर देश छोड़कर भागे हीरा व्यापारी नीरव मोदी का नाम भी पंडोरा पेपर में दर्ज है. जनवरी 2018 में देश छोड़कर भागने से एक माह पूर्व ही नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी ने ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स में एक कंपनी बनाई थी. इस कंपनी को ट्राइडेंट ट्रस्ट कंपनी, सिंगापुर के माध्यम से बनाई गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रुकटोन मैनेजमेंट लिमिटेड को दिसंबर 2017 में बनाया गया था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पंडोरा पेपर्स में 300 भारतीयों के नाम दर्ज हैं. कम से कम 60 बड़ी हस्तियों और कंपनियों के ऑफसोर होल्डिंग्स की जांच की गई है. आने वाले समय में और ज्यादा नामों की खुलासा होने की संभावना है. 

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