बाल विवाह : पंडित पर भी होगी कार्रवाई
बाल विवाह : पंडित पर भी होगी कार्रवाई
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रायपुर : छत्तीसगढ़ में बाल विवाह रोकने के लिए सरकार अब कड़े कदम उठाने जा रही है. बाल विवाह निषेध कानून 2006 के तहत वर-वधू के माता पिता, रिश्तेदार और बारातियों के अलावा अब शादी कराने वाले पुरोहित पर भी क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि अक्षय तृतीया पर राज्य में बाल विवाह कराए जाने की परम्परा है. इसे हतोत्साहित करने लिए राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि इस सम्बन्ध में एक परिपत्र जारी किया गया है.

जिसमें विस्तृत निर्देश और कार्य योजना का ब्यौरा दिया गया है. शून्य घोषित होगा विवाह - परिपत्र के अनुसार बाल विवाह पश्चात् यदि वर या कन्या इसे स्वीकार नहीं करते हैं, तो बालिग होने के बाद विवाह शून्य घोषित कराने के लिए आवेदन कर सकते हैं. कुछ विशिष्ट जातियों के प्रकरण पूर्व वर्षों में सामने आये हैं, उन्हें देखते हुए सबसे पहले ऐसे जिलों, क्षेत्रों और जातियों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं. इस काम की जिम्मेदारी पटवारी, शिक्षक, कोटवार, आंगनवाडी और ग्राम स्तरीय अमलों को दी जा सकती है.

विवाह पंजी होगी तैयार- अब प्रत्येक ग्राम और ग्राम पंचायत में विवाह पंजी बनाने की योजना है. जिसमें क्षेत्र के सभी विवाहों को पंजीबद्ध किया जाएगा. विवाह का रिकार्ड रखा जाएगा. विवाह के पंजीकरण के साथ ही वर-वधू का सत्यापन भी किया जाएगा.

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