...जब अटलजी को हराने के लिए कांग्रेस ने लिया था कॉमेडियन का सहारा
...जब अटलजी को हराने के लिए कांग्रेस ने लिया था कॉमेडियन का सहारा
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नई दिल्ली: आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री और एक प्रखर वक्ता अटल बिहारी वाजपेयी दिल्ली के एम्स अस्पताल में दुखद निधन हो गया है, इसी बीच जहाँ उन्हें देश भर से श्रद्धांजलि दी जा रही है, तो कहीं लोग उनके वैभवशाली राजनितिक करियर के यादगार पलों को याद कर रहे हैं. जुबान के बाज़ीगर अटलजी जब बोलना शुरू करते तो उनके भाषण सुनने के लिए लोगों का हुजूम लग जाता था, विपक्षी दल के नेता भी उनसे प्रभावित हुए नहीं रह पाते थे.

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हालांकि, विपक्षियों ने उन्हें रोकने के कई प्रयास किए लेकिन जैसा की कहा जाता है कि सामर्थयवान मनुष्य अपना रास्ता खुद निर्मित करता है, वैसे ही अटलजी भी तमाम बाधाओं को पार करते हुए राजनीति के शिखर पर पहुंचे थे. 1957 में जब अटलजी कांग्रेस प्रत्याशी हैदर हुसैन कोण हराकर बलरामपुर से सांसद बने, तो 1962 के चुनाव में उन्हें हराने के लिए जवाहर लाल नेहरू ने उनके विपक्ष में सुभद्रा जोशी का प्रचार करने के लिए कॉमेडियन अभिनेता को उतार दिया, इस चुनाव में अटलजी को 200 मतों से हार का सामना करना पड़ा. 

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लेकिन अटलजी ने हार नहीं मानी, 1967 में हुए अगले चुनाव में उन्होंने सुभद्रा जोशी को पटखनी दी और फिर एक बार सांसद बन गए, 15 वर्षों तक अटल जी बलरामपुर के प्रमुख राजनितिक चेहरे रहे. इस बीच वे लखनऊ से भी कई बार सांसद रहे. 1994 से 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहने के बाद 2005 में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले किया, लेकिन उसके बाद भी वे एक मार्गदर्शक के रूप में हमेशा सक्रीय रहे. 

 

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