नई दिल्ली : फलस्तीन ने पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद से मुलाकात के बाद अपने राजदूत को वापस बुला लिया है. रैली में अमेरिकी समेत कई गैर इस्लामी देशों और साथ ही भारत की भी निंदा की गई. गौरतलब है कि इस माह के प्रारंभ में भारत ने यूएन जनरल एसेंबली मेँ आए उस प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया था. जिसमें यरुशलम को इजराइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने और अमेरिकी दूतावास को वहीं स्थानांतरित करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की आलोचना की गई थी.
हालांकि उक्त प्रस्ताव के पक्ष में भारत समेत 127 देशों ने वोट दिया था, लेकिन विदेश नीति के कई जानकारों का कहना था कि भारत को अमेरिका और इजराइल के खिलाफ जाने के बजाय इस वोटिंग से अनुपस्थित रहना चाहिए था. फलस्तीनी राजदूत की हरकत के बाद यह नजरिया सही जान पड़ रहा है.
माना जा रहा है कि फलस्तीन के पाकिस्तान स्थित राजदूत ने हाफिज सईद की रैली में शामिल होने का काम भारत और अमेरिका को चिढ़ाने के लिए किया है. वह इससे अच्छी तरह अवगत हैं कि इस आतंकी सरगना पर पर कैसे गंभीर आरोप हैं, अमेरिका ने किस तरह उस पर ईनाम घोषित कर रखा है? अंतरराष्ट्रीय शिष्टाचार को ताक पर रखते हुए फलस्तीनी राजदूत ने हाफिज सईद की रैली को संबोधित भी किया.
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