इस्लामाबाद : कहते हैं सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं. यह बात पाक के आतंकियों अजहर-हाफिज के संदर्भ में सौ फीसदी सही साबित हो रही है क्योंकि भारत शुरू से कहता रहा है कि पाकिस्तान आतंकियों को न केवल पनाह देता है, बल्कि उनके खिलाफ कार्रवाई भी नही करता है. अब इस बात को पाकिस्तान के बड़े अखबारों ने भी मान लिया है कि पाकिस्तान की हुकूमत आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करती बल्कि उसे बचाने में लगी रहती है. पाक की सरपरस्ती में फलफूल रहे जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई नही करने को लेकर अब पाकिस्तान का अखबारी जगत आवाज उठाने लग गया है जिससे वहां की सरकार इस कदर डर गई है कि डॉन अखबार के एक पत्रकार को तो पाकिस्तान से बाहर जाने पर रोक लगा दी है.
अब पाकिस्तान के दूसरे प्रमुख अखबार 'द नेशन' ने अपने संपादकीय में जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई नही करने को लेकर गम्भीर सवाल उठाए हैं. बुधवार के अंक में अख़बार ने सेना और सरकार से पूछा है कि आखिर जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई करना, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘खतरा‘ क्यों है? बता दें कि भारत बार -बार यह कहता रहा कि मसूद अजहर और हाफिज सईद आतंक के ये वो दो चेहरे हैं जिसे पाकिस्तान न सिर्फ पनाह देता है बल्कि पाकिस्तानी हुक्मरान इनकी सरपरस्ती में ही राज काज भी चलाते हैं.लेकिन भारत कि इस बात पर पाक अखबार द नेशन ने भी मुहर लगा दी.
द नेशन ने संपादकीय में पाकिस्तान से सवाल किया है कि क्यों पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठनों की मौजूदगी को नकारा जा रहा है, या क्यों मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए खतरा है या क्यों पाकिस्तान दुनिया में तेजी से और ज्यादा अलग-थलग पड़ता जा रहा है. यह अख़बार भी डॉन के साथ खड़ा दिख रहा है.
बता दें कि डॉन के 6 अक्टूबर के अंक में रिपोर्टर सिरिल अलमाइडा की रिपोर्ट छपी थी जिसमें प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ और आर्मी चीफ राहिल शरीफ की मीटिंग का ज़िक्र करते हुए कहा था कि नवाज़ शरीफ ने जनरल राहिल शरीफ से कहा कि वो या तो आतंकवादियों पर कार्रवाई करें या फिर दुनिया में अलग-थलग रहने को तैयार रहे. इस रिपोर्ट को सरकार और सेना ने मनगढंत बताते हुए सिरिल के पाकिस्तान छोड़ने पर पाबंदी लगा दी. इस पर पाकिस्तानी मीडिया का बड़ा हिस्सा सिरिल के साथ खड़ा हो गया है.