इस्लामाबाद : सम्पूर्ण भारत देश के अनमोल रत्न अपने मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर कलाम के निधन के बाद शोक में डूबा हुआ है लेकिन पाकिस्तान के बदनाम न्यूक्लियर साइंटिस्ट अब्दुल कादिर खान ने कलाम को मामूली वैज्ञानिक की संज्ञा दी है. बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में पाकिस्तान के बदनाम साइंटिस्ट अब्दुल कादिर खान ने कहा, 'भारत का मिसाइल प्रोग्राम रूस की सहायता से चल रहा था और कलाम द्वारा उसमे कोई विशेष योगदान नहीं दिया गया. मुझे नहीं लगता कि भारत की सैटेलाइट और मिसाइल टेक्नोलॉजी या एस्ट्रो फिजिक्स में कलाम का सराहनीय योगदान है'
मुस्लिम थे इसलिए चुना गया राष्ट्रपति
खान ने कहा, 'साल 2002 में बीजेपी ने कलाम को सिर्फ इसलिए राष्ट्रपति चुना गया क्योंकि वह मुसलमान थे और बीजेपी की नजर मुस्लिम वोट बैंक पर थी.
जाने कौन है अब्दुल कादिर खान
खान फिलहाल कराची में रहते है. खान को पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रोग्राम का जनक के रूप में पहचाना जाता है. लेकिन दुनिया ने खान को न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी को बेचने वाला बदनाम वैज्ञानिक और दलाल की संज्ञा दी है. खान को साल 2004 में पाकिस्तान सरकार ने हाउस अरेस्ट किया था. इसके पहले खान ने एक टीवी साक्षात्कार में माना था कि उन्होंने नॉर्थ कोरिया, ईरान और लीबिया को न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी बेची है.
इसके बाद अमेरिका ने पाकिस्तान से मांग की थी कि वह खान को उसके सुपुर्द कर दे, हालांकि पाक ने ऐसा नहीं किया. तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने खान को देशद्रोही करार दिया था. खान को गिलानी सरकार ने 2009 में आजाद किया था. अमेरिका ने इसके बाद कहा था कि खान जब दुनिया के लिए खतरनाक देशों को न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी दे सकते हैं तो वह आतंकी संगठनों की भी समर्थन प्रदान कर सकते हैं. इसके बाद उन्होंने एक पॉलिटिकल पार्टी का गठन किया जिसमे उन्हें सफलता प्राप्त नहीं हुई.