हिन्दुओं का अस्तित्व खत्म करना चाहता है पाकिस्तान, हिन्दू मंदिर को बना डाला है शौचालय!
हिन्दुओं का अस्तित्व खत्म करना चाहता है पाकिस्तान, हिन्दू मंदिर को बना डाला है शौचालय!
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पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है, जहाँ हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की ख़बरें आती रहती हैं। धर्म की लड़ाई तो वर्षों से चली आ रही है। हर धर्म खुद को सर्वश्रेष्ठ बताता है। वैसे आज हम बात कर रहे है पाकिस्तान की। पाकिस्‍तान के संस्‍थापक जनरल मुहम्‍मद अली जिन्‍ना थे। अपने शुरुआती दौर में उन्होंने हिंदू-मुस्लिम में एकता होने के बारे में कहा था और साल 1916 में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच हुई संधि के दौरान भी उन्होंने ही अहम भूमिका निभाई। आज पाकिस्तान में जिन्ना को कायद-ए-आजम और बाबा-ए-कौम कहा जाता है। पाकिस्तान में छोटे से छोटे बच्चे को हिन्दू धर्म के प्रति कड़वी बातें सिखाई जाती है। यहाँ छोटे-छोटे बच्चों के हाथों के बंदूकें नजर आती है और वह जोर शोर से उसे चलाते भी नजर आते है। अभी कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान का एक विज्ञापन सामने आया था जिसमे छोटे बच्चे कह रहे थे कि ''लाल-किले पर बैठकर गाय के कबाब खाएंगे, इंडियन आर्मी से झाड़ू-पोछा करवाएंगे।'' इसी विज्ञापन से आप समझ सकते है कि यहाँ बच्चों के मन में क्या भरा जा रहा है। पाकिस्तान में हिन्दू धर्म के लोग भी है और मंदिर भी लेकिन इनकी संख्या में दिन पर दिन कमी आती जा रही है। पहले हम आपको बताते है पाकिस्तान में स्थित कुछ हिन्दू मंदिरों के बारे में।

वरुण देव मंदिर, पाकिस्तान - पाकिस्तान में एक वरुण देव मंदिर है जिसे 1000 साल पुराना बताया जाता है. आपको यह जानने के बाद हैरानी होगी कि अब इस मंदिर को यहाँ  शौचालय के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था। कहा जाता है 1950 के दशक में हिंदू समुदाय ने 'लाल साईं वरुण देव' का त्यौहार आखिरी बार यहाँ मनाया गया था।

पंचमुखी हनुमान मंदिर- यह मंदिर पाकिस्तान के कराची शहर में है। इस मंदिर में आपको दिखेंगे पंचमुखी हनुमान भगवान। इस मंदिर में जो पंचमुखी हनुमान मूर्ति रखी है वह हजारों साल पुरानी है। वैसे पाकिस्तान में होने के बावजूद इस मंदिर में सुबह से शाम तक भक्‍तों की भीड़ देखने को मिलती है। ऐसी मान्यता है मंदिर में भगवान हनुमान की 11 परिक्रमा लगाई जाए और कोई मन्नत मांगी जाए तो वह जरूर पूरी होती है। इस मंदिर को कई लाख साल पुराना बताया जाता है। यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर का साल 1882 में पुनर्निर्माण करवाया गया था।

हिंगलाज मंदिर, बलूचिस्तान: यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। कहा जाता है यहीं पर भगवान विष्णु ने सती मां के शव को काटने के लिए चक्र फेंका था। उस चक्र के प्रभाव से माँ सती का सिर कटकर यहाँ पर गिर गया था। हिंगलाज मंदिर को हिंगोल नदी के तट पर बसा हुआ देखा जा सकता है। यह पाकिस्तान के बलूचिस्तान से 120 किलोमीटर दूर है।

कटसराज मंदिर, चकवाल: इस मंदिर की भी अपनी ही एक अनोखी कहानी है। यह मंदिर महादेव की आंख से गिरे आंसू के आधार पर बनाया गया था। जी दरअसल जिस दौरान भोले बाबा की पत्नी सती हुईं थी तो वह रोये थे। उनके रोने के बाद उनके दो आंसू गिरे थे। इनमे से एक आंसू भारत के पुष्कर में गिरा तो दूसरा पाकिस्तानी पंजाब के चकवाल जिले में। वहीं उसके बाद और आज से करीब 900 साल पहले चकवाल में कटसराज मंदिर (शिव मंदिर) बनाया गया जहाँ लोग दर्शन करने जाते है।

राम मंदिर, इस्लामकोट: राम मंदिर केवल भारत में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी है। पाकिस्तान में एक बहुत बड़ा राम मंदिर है जो इस्लामकोट में स्थित है। जी दरअसल पाकिस्तान के इस्लामकोट में हिंदुओं और मुसलमानों की आबादी लगभग एक समान ही है इसी के कारण यहाँ श्री राम का मंदिर बना हुआ है। यहाँ भी लोग श्रद्धा से पूजा करते है।

नृसिंह मंदिर पाकिस्तान : यह मंदिर भगवान श्री हरि विष्णु के नृसिंह रूप का मंदिर है। यह पाकिस्तान के पंजाब के मुल्तान नामक शहर में स्थित है। कहते है इस मंदिर का निर्माण महान राक्षस राज्य हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रहलाद ने करवाया था। प्रहलाद राक्षस कुल में पैदा हुए थे लेकिन वह बचपन से भगवान विष्णु के भक्त थे। वहीं राक्षस कुल के लोग श्री हरि विष्णु को अपना शत्रु मानते थे। उस समय पाकिस्तान के पंजाब में मुल्तानपुर के किले में ही भगवान् श्री हरि विष्णु ने नृसिंह रूप धारण कर हिरण्यकश्यप का वध किया था। अब आज के दौर में जब होली होती है तो इस मंदिर में धूम धाम से पूजा होती है और सभी होली खेलते है।

और भी है हिन्दू मंदिर- पाकिस्तान में और भी कई हिन्दू मंदिर है लेकिन अब सभी अपनी जगह खोते जा रहे है। यहाँ हिन्दू मंदिरों का महत्व धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। यहाँ भी भारत की तरह ही हिन्दू, मुस्लिम, सिख कई धर्मों के लोग रहते है लेकिन यहाँ हिन्दू मंदिरों को उतना महत्व नहीं दिया जाता है जितना की भारत में दिया जाता है।

कभी थे 428 मंदिर, अब बचे 20 - पाकिस्तान में एक समय था जब 428 हिन्दू मंदिर थे लेकिन अब केवल और केवल 20 मंदिर बचे है। उनमे से कुछ के बारे में हम आपको ऊपर बता चुके है। बीते दिनों पाकिस्तान से आई एक घटना भी आपको याद होगी। जी दरअसल यहाँ खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी के सदस्यों के नेतृत्व में भीड़ ने एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की थी। यह मंदिर करक जिले के टेरी गांव में स्थित था। यहाँ तोड़फोड़ करने के बाद आग लगा दी गई। यह बात दर्शाती है कि पाकिस्तान में हिन्दू मंदिरों के खत्म होने में अब ज्यादा समय नहीं लगेगा। धीरे-धीरे सभी मंदिर ढहा दिए जाएंगे। आप नहीं जानते होंगे पाकिस्तान के रावलपिंडी में पहले एक हिन्दू मंदिर था लेकिन उसे वहां से ढहा कर कम्युनिटी सेंटर बना दिया गया। वहीं पाकिस्तान में एक और मंदिर स्थित था जो काली बाड़ी नाम से मशहूर था। इस मंदिर को भी ढहा दिया गया और इसकी जगह बनाया गया ताज महल होटल। वहीं खैबर पख्तूनख्वाह के बन्नू जिले में भी एक हिंदू मंदिर था लेकिन अब वहां एक मिठाई की दुकान है। इस तरह के कई मंदिरों को ढहा कर दुकाने, होटल बना लिए गए। अब यह कहा जा सकता है कि यहाँ हिन्दू धर्म के मंदिरों का अस्तित्व खतरे में है।

तो क्या केवल मुसलमानों का देश बनना चाहता है पाकिस्तान - अब इन दृश्यों को देखकर मन में एक ही सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान केवल मुस्लिम समुदाय के लोगों को अपने देश में रखना चाहता है और हिन्दुओं को भगाना चाहता है? हिन्दुओ की संख्या भी पाकिस्तान में लगातार कम होती चली जा रही है। यहाँ से हर साल जबरन हो रहे धर्मपरिवर्तन के कई मामले सामने आते है जिन पर अगर गौर किया जाए तो हैरानी होती है। पाकिस्तान से हर साल हजारों ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमे गैर-मुस्लिम लड़कियों का जबरन अपहरण किया जाता है। उनका धर्म परिवर्तन किया जाता है और तो और जबरन उनकी किसी मुसलमान से शादी तक करवा दी जाती है। अगर यूनाइटेड स्टेट्स कमिशन ऑन इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम के डेटा को सही माने तो पाकिस्तान में हर साल 1 हजार से ज्यादा लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया जाता है, जिनमें ज्यादातर हिंदू और क्रिश्चियन लड़कियां शामिल होती हैं। यह वाकई में चौकाने वाली बात है।

आपकी क्या है राय- कहते है एकता में बल है। सभी धर्मों के लोगों को एक साथ एक होकर रहना चाहिए, यह कोई पाप नहीं है। वैसे आप इस पर क्या कहते है आपकी राय जरूर दीजिये?

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