खुद को न्यूक्लियर पाॅवर बनाने में लगा पाकिस्तान
खुद को न्यूक्लियर पाॅवर बनाने में लगा पाकिस्तान
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पाकिस्तान : पाकिस्तान खुद को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बताने के साथ ही पाकिस्तान इस मसले पर खुद को और शक्तिशाली बनाने में लगा है। ऐसे में भारत परमाणु ताकत के लिहाज से पाकिस्तान से पीछे हो गया है। हाल ही में अमेरिका और रूस के बाद पाकिस्तान को न्यूक्लियर हथियार रखने के मामले में तीसरे स्थान पर माना जा रहा है हालांकि यह वैश्विक स्तर पर परमाणु प्रसार के सामरिक उपयोग को नहीं करने का उल्लंघन है। परमाणु अप्रसार का पाकिस्तान इस तरह से सीधे - सीधे उल्लंघन  कर रहा है। 

मामले में कहा गया है कि पाकिस्तान प्रति वर्ष 20 बड़े हथियार अपने परमाणु बेड़े में शामिल कर रहा है। यही नहीं पाकिस्तान को भारत की शक्ति का डर बना हुआ है। दूसरी ओर वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि भविष्य में पाकिस्तान यूरेनियम के उपयोग में कुछ कम यूनिट वाले न्यूक्लियर उपकरण तैयार कर सकता है। वैसे देखा जाए तो भारत अपनी परमाणु शक्ति का सृजनात्मक उपयोग करने में लगा है। भारत ने कई देशों से परमाणु बिजली संयंत्रों के लिए चर्चा की और देश में बड़े पैमाने पर परमाणु विद्युत संयंत्र देश की विद्युत आपूर्ती की आवश्यकता को पूर्ण करते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे में यह पाकिस्तान के लिए चिंताजनक हो सकता है कि महज खुद को सामरिक लिहाज से न्यूक्लियर पाॅवर बताकर पाकिस्तान क्या जताना चाहता है जबकि उसके पास खुद के देश में विकास योजनाओं को अमल में लाने की क्षमता नहीं है। पाकिस्तान में कई एसी समस्याऐं हैं जो युद्धक क्षेत्र से बहुत अधिक महत्व रखती हैं। पाकिस्तान के पास मिसाईल की तरह वाले 120 बड़े न्यूक्लियर हथियार हैं वहीं भारत के पास ऐसे हथियारों की तादाद 100 है।

दूसरी ओर पाकिस्तान अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए प्लूटोनियम उत्पादन की 1 यूनिट स्थापित करने जा रहा है। जबकि भारत के पास प्लूटोनियम का भंडार है, भारत इस प्लूटोनियम का उपयोग परमाणु हथियार को निर्मित करने में करने की बजाया परमाणु विद्युत संयंत्र में लगा रहा है। 

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