उरी मामले में पाकिस्तान ने साधी चुप्पी, उठाया कश्मीर मुद्दा
उरी मामले में पाकिस्तान ने साधी चुप्पी, उठाया कश्मीर मुद्दा
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नई दिल्ली : यह कितनी खेदजनक बात है कि उरी में पाक समर्थित आतंकियों द्वारा किये गए हमले देश के जांबाज़ जवानों के शहीद होने से देश में मातम और आक्रोश का माहौल है, लेकिन इस मामले में पाकिस्तान ने चुप्पी साध रखी है. यही नहीं यूएन सम्मेलन के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी से मिले तो कश्मीर मामले में दखल देने की मांग रख दी.

भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने के मकसद से अमेरिकी विदेश मंत्री से मिलने से पहले नवाज ने सुरक्षा परिषद के अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन के राष्ट्राध्यक्षों-शासनाध्यक्षों को चिट्ठी लिखी कि कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं होना क्षेत्र में तनाव और अस्थिरता का निरंतर स्रोत बना हुआ है जिससे विश्व शांति एवं सुरक्षा को खतरा पैदा होता है. इसलिए जम्मू-कश्मीर में रक्तपात तत्काल रोकने की पहल करें.

भारत द्वारा पाकिस्तान की घेराबन्दी से पूर्व नवाज शरीफ ने भारत विरोधी माहौल बनाने की चाल चल दी तो, उधर भारत की ओर से सुगबुगाहट बढ़ी तो पाकिस्तान के सेना प्रमुख राहिल शरीफ रावलपिंडी में अपने कमांडरों को लेकर एक कमरे में बैठक की और इसके बाद एक बयान जारी कर दिया कि भारत के बयान शत्रुतापूर्ण हैं. पाकिस्तानी सेना जवाब देने को पूरी तरह से तैयार है. भविष्य में पाकिस्तान की अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ किसी मंसूबे को नाकाम किया जाएगा.

बता दें कि नवाज शरीफ पीएम मोदी से जब भी मिले आतंकवाद पर चिंता जताई लेकिन कभी किया कुछ नहीं. उरी में सेना के 18 जवानों की शहादत पर अफसोस के दो शब्द तक नवाज शऱीफ ने नहीं जताए. न्यूयॉर्क में जब एक पत्रकार ने शरीफ से इस हमले के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने बस इशारा कर दिया. उनके विदेश सलाहकार सरताज अजीज को न्यूयॉर्क में मीडिया के सामने बोलने का मौका मिला भी लेकिन जुबान खोलने को तैयार नहीं हुए.

हालाँकि पाकिस्तान इस हमले से इंकार कर रहा है लेकिन सेना का दावा है कि हमला पाकिस्तान ने ही किया है और इसके उसके पास पुख्ता सबूत हैं. सेना ने आतंकियों का सामान दिखाकर अपनी बात साबित की है. वैसे 26 सितंबर को यूएन में ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को बोलना है. उरी में मिले आतंकियों के सामान पाकिस्तान के खिलाफ सबूत हैं. पाकिस्तान के खिलाफ मोदी सरकार का पहला एक्शन संयुक्त राष्ट्र के मंच पर ही दिख सकता है.

सूत्रों के अनुसार सरकार भी अब बातचीत नहीं सिर्फ कार्रवाई करने के मूड में है. भारत ने अब सख्त संदेश देने के लिए पूरा मन बना लिया है. पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के लिए कई ऐतिहासिक पहल कर चुके पीएम मोदी अब ज़रा भी नरमी के मूड में नहीं हैं. हालांकि एक ज़िम्मेदार देश होने के नाते एक झटके में कोई क़दम तो भारत नहीं उठाएगा लेकिन यह तय है कि इस बार जवानों की कुर्बानी को यूँही नहीं गंवाया जाएगा.

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