इस्लामाबाद: 16 अप्रैल की बैठक में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के 1.4 मिलियन डॉलर की मदद के अनुरोध को मंजूरी दी थी। उस वक़्त बोर्ड के भारतीय प्रतिनिधि सुरजीत भल्ला ने संदेह जाहिर किया था। भल्ला का कहना था कि पाकिस्तान इस फंड का इस्तेमाल अपने रक्षा बजट को बढ़ाने में कर सकता है। इसलिए IMF को इस फंड का ट्रैक रखना चाहिए।
भल्ला ने कहा था कि IMF को यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी करनी चाहिए कि IMF की मदद का इस्तेमाल सिर्फ कोरोना के लिए किया जाए और "सुरक्षा जैसे अन्य क्षेत्रों में इन संसाधनों का कोई विभाजन न हो"। और न ही किसी विशाल ऋण देनदारियों की सेवा के लिए इसका इस्तेमाल किया जाए। भल्ला ने कहा कि, पहले भी रिपोर्टें थीं कि पाकिस्तान ने यही सब काम किया था। अब एक महीने से भी कम वक़्त में ही देखने को मिल गया है कि भारतीय अर्थशास्त्री ने पाक के लिए सही भविष्यवाणी की थी।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने पिछले हफ्ते अगले वित्तीय वर्ष के लिए अपने सेना कर्मियों के वेतन में 20% का इजाफा किया है। लीक हुए रक्षा मंत्रालय के एक ज्ञापन में कहा गया है कि सेना मुख्यालय के परामर्श से संयुक्त कर्मचारी मुख्यालय ने वृद्धि का प्रस्ताव रखा था। भारत में पाकिस्तान पर निगरानी रखने वालों का कहना है कि पाक, मिलिट्री के दबाव में बजट का सबसे बड़ा हिस्सा सेना को देता है।
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