पाकिस्तान ने कहा भारत ने नहीं बनाया उसे सार्क सैटेलाईट में भागीदार
पाकिस्तान ने कहा भारत ने नहीं बनाया उसे सार्क सैटेलाईट में भागीदार
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इस्लामाबाद। भारत द्वारा सार्क सैटेलाईट के प्रक्षेपण किए जाने पर भारतीय उपमहाद्वीप में भारत की सराहना की जा रही है। हालांकि पाकिस्तान इस मामले में खुद को विभिन्न आरोपों से बचाने के प्रयास में है। उसने भारत पर ही आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत द्वारा ही इस मामले में पाकिस्तान से सहयोग नहीं लिया गया। पाकिस्तान ने भारत के इस अंतरिक्ष कार्यक्रम की सराहना की है। इस मामले में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद ने कहा था कि उनका यह मानना था कि दक्षिण एशियाई देश के लोगों की भलाई हेतु विभिन्न देशों के बीच सहयोग सार्थक संपर्क पर टिका है।

शुक्रवार को भारत ने सार्क देशों के बीच संचार और संपर्क को बढ़ावा देने के लिए दक्षिण एशिया सैटेलाइट जीसैट 9 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया था। इस सैटेलाइट को इसरो ने बनाया है। इस सफलता के बाद सार्क देशों के 6 राष्ट्राध्यक्षों ने एक साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दुनिया को संदेश दिया। इसके पूर्व पाकिस्तान ने यह कहा कि स्वयं को इस तरह के प्रोजेक्ट से अलग कर लिया गया था। यह भी कहा गया था कि पाकिस्तान का अपना खुद का ही अंतरिक्ष कार्यक्रम है। पाकिस्तान द्वारा दावा किया गया कि पड़ोसी देशों से संचार व आपदा से जुड़े सहयोग किए जाने के उद्देश्य से दक्षिण एशियाई उपग्रह का प्रक्षेपण हुआ।

पाकिस्तान का कहना था कि भारत ने उपग्रह प्रक्षेपण कार्यक्रम को स्वयं ही प्रक्षेपित करने का निर्णय लिया था उसका कहना था कि वह अकेले ही इसका निर्माण करेगा और ऐसे में पाकिस्तान का सहयोग नहीं लिया गया था। गौरतलब है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इस सैटेलाईट जीसैट 9 से भारत,बांग्लादेश,नेपाल,श्रीलंका,अफगानिस्तान,भूटान और मालदीव को लाभ मिलेगा। उनका कहना था कि भारत एशिया में मजबूत होगा और उसकी साख निर्मित होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने कहा कि उनका देश इस प्रस्ताव पर रचनात्मक सुझाव देगा। उसने खुद ही इस प्रोजेक्ट को लेकर सुरक्षा का मसला सामने रखा। उसका कहना था कि वह इस प्रोजेक्ट के लिए फंड की मदद करना चाहता है। पाकिस्तान के उच्चायुक्त का कहना था कि इस प्रोजेक्ट का नियंत्रण सार्क देशों को दे दिया जाए न कि केवल इसरो के पास रहे। मगर भारत ने पाकिस्तान का फंड लेने से और सुरक्षा संबंधी बातों को नकार दिया फिर पाकिस्तान ने इस प्रोजेक्ट से खुद को अलग कर लिया।

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