अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एवं अन्य प्रमुख नेताओं की हत्या की साजिश का खुलासा हुआ है। अमेरिकी न्याय विभाग ने पाकिस्तान के 46 वर्षीय नागरिक आसिफ मर्चेंट को गिरफ्तार किया है, जो इस साजिश में शामिल था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मर्चेंट पर हत्या की योजना बनाने और उसकी साजिश को अंजाम देने के प्रयास का आरोप है। एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने इसे ईरान के षड्यंत्र का हिस्सा बताया है।
मर्चेंट ने अमेरिका पहुंचने से पहले कुछ वक़्त ईरान में बिताया और आसिफ जून में न्यूयॉर्क गया था, जहां उसे इन हाई प्रोफाइल हत्याओं की सुपारी देने के लिए एक शख्स से मिलना था. आसिफ ने इसके लिए दो सुपारी किलर्स को 5000 डॉलर की पेमेंट भी की थी. लेकिन जिन्हें सुपारी दी गई, वे असल में अंडरकवर एजेंट थे. जैसे ही मर्चेंट ने अमेरिका से रवाना होने का प्रयास किया, उसे गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, मर्चेंट ने सुपारी किलर्स को बताया था कि पाकिस्तान पहुंचने पर वह उन लोगों के नाम उजागर करेगा जिनकी हत्या की जानी है।
रिपोर्ट्स के अनुसर, ट्रंप पर हत्या की साजिश की भनक लगने पर अमेरिकी प्रशासन ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी। न्याय विभाग के अनुसार, मर्चेंट ने 2020 में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए यह साजिश रची थी। इसके अतिरिक्त बीते महीने पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी सभा के दौरान ट्रंप पर एक जानलेवा हमला हुआ था। ट्रंप पर हमला करने वाले हमलावर की पहचान 20 साल के थॉमस मैथ्यू क्रूक्स (Thomas Matthew Crooks) के तौर पर की गई थी. थॉमस पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग का रहने वाला था. वह घटनास्थल से बेमुश्किल 70 किलोमीटर की दूरी पर रहता था. उसके पास सेमी-ऑटोमैटिक एआर-15 राइफल थी, इसी राइफल से उसने ट्रंप को निशाना बनाकर रैली में हमला किया था.
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