इस्लामाबाद: पाकिस्तान हर बार आतंकवाद के खिलाफ कार्यवाही करने के वादे करता रहा है, लेकिन उसके वादे हर बार कोरे आश्वासन साबित होते हैं. उसके वादों की कोई जमीनी हकीकत नहीं होती. इसी क्रम में एक बार फिर पाकिस्तान का काला चेहरा सबके सामने आया है. 26/11 के मुंबई हमलों में पाकिस्तान ने हर बार अपना रवैया बदला है. इस बार पाकिस्तान ने फिर 26/11 के मुंबई हमला मामले को प्रभावित करने की कोशिश की है.
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने फेडरल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) के विशेष वकील चौधरी अजहर को हटा दिया है. गृह मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि 'वकील सरकार की लाइन पर नहीं चल रहे हैं.' 2009 में हुए मुंबई हमले के बाद वह लगातार इस केस को लीड कर रहे थे.
पाकिस्तान सरकार के इस फैसले से 26/11 हादसे में मारे गए भारतीयों को न्याय दिलाने की भारत की कोशिश को झटका लग सकता है. पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि अजहर को बता दिया गया है कि अब उनकी जरूरत नहीं है. उन्हें सिर्फ मुंबई हमले के मामले से अलग किया गया है. वे बेनजीर भुट्टो की हत्या के केस में बने रहेंगे. आपको बता दें कि 26/11 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को भी पाकिस्तान की तरफ से संरक्षण प्राप्त है, पाकिस्तान में हाफिज सईद को धर्मगुरु माना जाता है
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