पाक ने वीडियो में भारतीय सैनिक को बताया जासूस, भारत ने किया खारिज
पाक ने वीडियो में भारतीय सैनिक को बताया जासूस, भारत ने किया खारिज
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नई दिल्ली : भारत ने पाकिस्तान की ओर से जारी किए गए वीडियो में पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी के खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करने के कथित कबूलनामे को मंगलवार को खारिज करते हुए अधिकारी के अपहरण की आशंका जताई. पाकिस्तान की ओर से जारी इस बयान के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, भारत सरकार इन आरोपों को सिरे से खारिज करती है कि यह व्यक्ति हमारी तरफ से पाकिस्तान में विध्वंसकारी गतिविधियों में शामिल था.

हमने ईरान में बिजनेस करने वाले पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी की पाकिस्तानी प्रशासन द्वारा जारी वीडियो देखा. यह अधिकारी रहस्यमय परिस्थतियों के तहत पाकिस्तान की हिरासत में है. और इस वीडियो में अधिकारी ने जो बयान दिए हैं उनका कोई आधार नहीं है.

क्या है वीडियो में ?

वीडियो में मुंबई निवासी यादव 1987 में भारत की राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हुआ और बाद में वर्ष 1999 में भारतीय नौसेना में शामिल हुआ. यादव ने वीडियो में कहा, मैं भारतीय नौसेना का अधिकारी हूं और 14 वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद 2022 में सेवानिवृत हो जाऊंगा. वर्ष 2002 तक मैं खुफिया अभियानों में शामिल रहा. वर्ष 2003 में मैंने ईरान के चाबाहार में छोटा सा उद्योग शुरू किया. अपनी पहचान गुप्त रखने के कारण मैं 2003 और 2004 में कराची आया और भारत में रॉ के लिए कुछ काम किया. 2013 में मुझे रॉ के लिए चुना गया था.

इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि व्यक्ति का यह दावा कि बिना किसी दबाव के उसने बयान दिया है न केवल इसकी विश्वसनीयता को चुनौती देगा बल्कि यह साफ़ है कि उसे प्रताडि़त किया जा रहा है. मंत्रालय ने कहा कि उसके आग्रह के बावजूद पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार विदेश में पकड़े गए भारतीय नागरिक से दूतावास को संपर्क नहीं करने दिया.

मंत्रालय ने कहा, हमें इन परिस्थितियों में उसकी सलामती की फ़िक्र है. हमारी छानबीन में पता चला है कि ईरान से कानूनी रूप से व्यवसाय करते समय उसे लगातार प्रताडि़त किया जा रहा था. हम इसकी आगे जांच कर रहे हैं. ईरान से उसके अपहरण की आशंका समेत पाकिस्तान में उसकी मौजूदगी सवाल खड़े कर रही है. और यह पूरा मामला तभी खुलकर सामने आएगा जब यादव से हमारे दूतावास को उससे संपर्क करने दिया जाए और हम पाकिस्तान सरकार से हमारे अनुरोध पर जल्द जवाब देने की अपील करते हैं.

इससे पहले पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में भारतीय की गिरफ्तारी को 'बड़ी उपलब्धि' बताते हुए दावा किया कि उसका उद्देश्य चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के विकास में बाधा डालना था. इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम बाजवा ने वीडियो दिखाने से पहले कहा, भारतीय जासूस का उद्देश्य ग्वादर बंदरगाह पर चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के विकास में बाधा डालना था. अगर एक जासूस और सशस्त्र सेना का अधिकारी किसी अन्य देश में गिरफ्तार होता है तो यह एक बड़ी उपलब्धि होती है.

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