कोर्ट ने कहा ये हम तय नहीं कर सकते कि भगवान कैसे जागेंगे
कोर्ट ने कहा ये हम तय नहीं कर सकते कि भगवान कैसे जागेंगे
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नई दिल्ली : पद्मनाभम स्वामी मंदिर की सुनवाई के दौरान आज सुप्रीम कोर्ट में इस बात पर करीब 1 घंटे बहस चली कि संस्कृत के श्लोक वेंकेटेशा श्रुप्रभातम को भगवान विष्णु को जगाने के लिए पढ़ा जाए या नहीं? वकील केके वेणुगोपाल और गोपाल सुब्रहमण्यम ने इस पर बहस की. वेणुगोपाल त्रावणकोर के शाही परिवार की तरफ से तो गोपाल सुब्रहमण्यम ने एमिकस के तौर पर बहस की.

अधिवक्ता गोपाल सुब्रहमण्यम ने कोर्ट में कहा कि वेंकेटेशा श्रुप्रभातम श्लोक को मंदिर में कहना आवश्यक है ताकि विष्णु भगवान जागें. वहीं त्रावणकोर के शाही परिवार के वकील वेणुगोपाल ने कहा कि भगवान सोए हुए हैं. इसे योग निद्रा कहते है और श्रुप्रभातम श्लोक का उच्चारण करके उनको जगाना सदियों से चली आ रही परंपरा के खिलाफ होगा. 

शाही परिवार के वकील ने कहा कि श्रुप्रभातम श्लोक का उच्चारण तिरुमला के मंदिर में भगवान को जगाने के लिए होता है वहाँ उनकी प्रतिमा सीधी खड़ी है. लेकिन यहां भगवान सोए हुए हैं इसलिए श्लोक का उच्चारण नहीं किया जा सकता.

मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस ठाकुर ने कहा कि भगवान कैसे जागेंगे यह हम नहीं तय कर सकते. कोर्ट ने कहा यह पुजारी ही तय कर सकते है की भगवान को कैसे जगाया जाए. कोर्ट ने पद्मनाभम स्वामी मंदिर के पुजारी को निर्देश दिया कि वे तय करें की भगवान को किस श्लोक से जगाया जाए है.

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