नई दिल्ली: बीते कुछ समय से देश के कई क्षेत्रों में भारी बदलाव आया है इस बीच राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को ऑक्सीजन के आवंटन की प्रणाली बनाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की ओर से गठित शीर्ष चिकित्सा विशेषज्ञों के राष्ट्रीय कार्य बल ने सलाह दी है कि देश को पेट्रोलियम उत्पादों के लिए की जाने वाले इंतजाम की तर्ज पर दो-तीन सप्ताहों की खपत के लिए ऑक्सीजन गैस का अतिरिक्त भंडार रखना चाहिए। 12 सदस्यीय एनटीएफ ने यह भी बताया कि सभी हॉस्पिटल्स में आपात हालातों से निपटने के लिए अतिरिक्त भंडार होना चाहिए तथा उन्हें सीनियर स्टाफ की ऑक्सीजन देखभाल समितियां बनानी चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय ने कोरोना रोगियों की जान बचाने तथा महामारी से निपटने के लिए जन स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए ऑक्सीजन के आवंटन की प्रणाली बनाने के लिए 6 मई को एनटीएफ का गठन किया था। एनटीएफ ने बताया, हमें दो-तीन सप्ताहों की खपत पूरी करने के लिए देश में ऑक्सीजन का अतिरिक्त भंडार रखना चाहिए, जैसी पेट्रोलियम उत्पादों के लिए इंतजाम किए जाते है। इसी प्रकार सभी हॉस्पिटल्स के पास आपात हालात से निपटने के लिए अतिरिक्त भंडार होना चाहिए।
वही महामारी के चलते मौजूदा तथा प्रस्तावित मांगों के आधार पर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई आरम्भ करने के सिलसिले में समिति ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों वाले प्रदेशों को आवंटन के लिए आधारभूत मांग से ज्यादा आवंटन करने के लिए प्रदेश में लगभग 20 फीसदी की भंडारण क्षमता बढ़ाने की जरुरत है। समिति ने कहा, अगली महामारी की तैयारी में LMO का उत्पादन और बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए।
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