नई दिल्ली: नागालैंड के मोन क्षेत्र में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में कम से कम 13 आम जानता की जान चली गई है. पुलिस ने कहा है कि वह इस घटना की कार्रवाई में लगे हुए है, ताकि यह पता चल सके कि क्या यह गलत पहचान का मामला है. सेना ने घटना की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का निर्देश जारी कर दिया है. सेना ने बोला है कि इस बीच एक सैन्यकर्मी शहीद हुआ है और कई अन्य सैनिक जख्मी हो गए. सेना ने बोला है कि यह घटना और उसके उपरांत जो हुआ, वह ‘‘अत्यंत खेदजनक’’ है और लोगों की जान जाने की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की उच्चतम स्तर पर कार्रवाई की जा रही है.
इस केस पर राजनीति और भी ज्यादा गरमा गई है. राहुल गांधी ने ट्विट कर कहा है यह घटना हृदय विदारक है. इंडिया गवर्नमेंट को इस पर जवाब देना चाहिए. गृह मंत्रालय वास्तव में क्या कर रहा है जब न तो नागरिक और न ही सुरक्षाकर्मी हमारी भूमि में सुरक्षित हैं? वहीं ममता बनर्जी ने लिखा नागालैंड से चिंताजनक बात कही है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक दुख व्यक्त किया है. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं. हमें घटना की गहन जांच सुनिश्चित करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पीड़ितों को न्याय मिल सके.
वहीं ओवैसी ने लिखा आज नागालैंड में जान गंवाने वाले सभी लोगों के परिवारों के प्रति दुःख व्यक्त. गृहमंत्री अमित शाह को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए. फ्रिंज समूहों के साथ उनके सभी शांति समझौते धोखा देने के लिए थे. नवंबर में मणिपुर में विद्रोहियों ने 7 अधिकारी को मौत के घाट उतार दिया. नॉर्थ ईस्ट में में शांति नहीं, केवल हिंसा है.
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