अलविदा 2016: खेल के मैदान पर बेटियों का ‘महादंगल’!
अलविदा 2016: खेल के मैदान पर बेटियों का ‘महादंगल’!
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2016 यूं तो राष्ट्र के लिए उपलब्धियों से भरा रहा लेकिन हमारी बेटियों ने इस साल खेल के मैदान पर दमखम दिखाकर पूरे देश को अभिभूत कर दिया। इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि यह साल पीवी सिंधु, दीपा करमाकर, साक्षी मलिक से लेकर टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा और गोल्फर अदिति अशोक की एक से बढ़कर एक उपलब्धियों से भरा रहा।

ऐसी ही हमारी बेटियों की उपलब्धियों से भरें इस साल पर गौर करेंः-

1.सिंधु का उम्मीदों का रजत

बैडमिंटन प्लेयर पीवी सिंधु ने रियो ओलंपिक में देश के अरबों लोगों की उम्मीदों का रजत पदक देश को दिलाया। सिंधु का यह पदक इस लिए भी अहम है क्योंकि उन्होंने यह पदक दुनिया की नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल के 61वीं वरीयता प्राप्त मारिया यूलिटीना से हारने के बाद जीता। सायना की उम्मीदें टूट जाने के बाद उन्होंने अपना हौसला बरकरार रखा और देश को रजत पदक दिलाया। यह देश के लिए पहला बैडमिंटन रजत है। पीवी सिंधु इस वक्त अपने कॅरियर की सर्वेश्रेष्ठ छठी रैकिंग पर हैं। 

2.साक्षी  की उपलब्धि भी खास

2016 रियो में जब दो सप्ताह तक देश को एक भी पदक नहीं मिला तो सभी भारतीय प्रशंसक मायूस हो गए। उन्होंने आगे भी पदक जीतने की उम्मीदें छोड़ दी। इसके बाद 18 अगस्त को साक्षी मलिक ने इतिहास रचते हुए देश के लिए कांस्य पदक जीता। वे ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं। यह पदक इसलिए भी बेहद खास हो जाता है क्योंकि साक्षी भी बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुकात रखती है। उनके पिता सुखबीर मलिक डीटीसी में बस कंडक्टर हैं तथा मां सुदेश मलिक एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है।

3.दीपा ने जीता दिल

त्रिपुरा की जिमनास्टिक प्लेयर दीपा करमाकर भले ही 31 वें ओलंपिक खेलों में पदक नहीं जीत पाई लेकिन अरबों देशवासियों का दिल जीत लिया। महज कुछ अंको के साथ कांस्य पदक से चूक गई लेकिन वह वाॅल्ट इवेंट के फाइनल में चैथे नंबर पर रहीं। पदक हारने के बाद भी उन्होंने इतिहास रच दिया। वह ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट हैं। दीपा भले पदक हार गई लेकिन उनके लिए महानतम क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘‘जीतना और हारना खेल का हिस्सा है। आपने लाखों लोगो के दिल जीते और पूरे देश को आपकी उपलब्धि पर गर्व है।’’

4.सानिया सनसनी कायम


टेनिस प्लेयर सानिया मिर्जा की सनसनी इस साल भी कायम रही। सानिया ने 2016 में दो गै्रंड स्लैम समेत कुल नौ खिताबी दर्ज की। सानिया ने अमेरिका के बेथानी माटेक सैंड्स के साथ सिडनी इंटरनेशल्स खिताब जीतने के बाद स्विट्जरलैंड की दिग्गज मार्टिना हिंगिस के साथ जोड़ी बनाई। उनका यह फैसला एकदम सही रहा। वे डबल्स रैकिंग में शीर्ष पर पहुंची। 

5. देश की प्रेरणा दीपा  


देश के लिए पैराओलंपिक में पहला पदक जीतनेवाली दीपा मलिक की उपलब्धि भी देश के लिए बेहद खास है। दीपा ने रियो में गोला फेंक एफ.53 में रजत पदक जीता। उनकी यह उपलब्धि इस लिए उम्दा हो जाती है कि उनका कमर से नीचे का हिस्सा लकवा से ग्रस्त है। 17 साल पहले हुए ट्यूमर के कारण उनका चलना असंभव हो गया था। इसके बाद उनके 31 आॅपरेशन हुए थे। इसके बाद दीपा को सचिन तेंदुलकर, अभिनव बिंद्रा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बधाई दी। 

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