छोटे कारोबारियों मसलन रेहड़ी पटरी वाले, खोमचे और सब्जी भाजी से लेकर नाई, मैकेनिक आदि को कर्ज देकर व्यवसाय के विस्तार के उद्देश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में अब तक 20.65 करोड़ कर्ज मंजूर किये जा चुके हैं। इसके जरिये सरकार ने अक्टूबर 2019 तक 986816.91 करोड़ रुपये के कर्ज वितरित किये हैं। सरकार ने राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में कहा है कि अकेले 2019-20 के वित्त वर्ष में अब तक 120301.3 करोड़ रुपये के कर्ज वितरित किये गये। इस अवधि में 2.40 करोड़ कर्ज आवेदनों को मंजूरी दी गई। जबकि साल 2018-19 में 59870318 मुद्रा कर्ज मंजूर किये गये थे जिनके जरिये 311811.4 करोड़ रुपये के कर्ज वितरित किये गये थे।
राज्यसभा में दिये अपने लिखित जवाब में वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया है कि अक्टूबर 2019 तक वितरित कुल कर्ज राशि में करीब 65 प्रतिशत हिस्सेदारी सामान्य वर्ग के आवेदकों की रही है। कुल 986816.91 राशि में से सामान्य वर्ग के आवेदकों को 642393.74 करोड़ रुपये की राशि वितरित हुई है। हालाँकि अन्य पिछड़े वर्ग के आवेदकों को 210254.99 करोड़ रुपये की राशि कर्ज के तौर पर मिली। यह कुल वितरित राशि का करीब 22 प्रतिशत है।
इसके विपरीत अनुसूचित जाति के 3.5 करोड़ आवेदकों को 100460.31 करोड़ रुपये की राशि का कर्ज अक्टूबर 2019 तक वितरित किया जा चुका है। यह कुल वितरित राशि का 10 प्रतिशत से कुछ अधिक बैठता है। इसी तरह अनुसूचित जनजाति के आवेदकों को 33707.04 करोड़ रुपये की राशि वितरित हुई है। जहां तक मुद्रा कर्ज के एनपीए में तब्दील होने का सवाल है, सरकार ने राज्यसभा में जून 2019 तक सार्वजनिक बैंकों की तरफ से बांटे गये कर्ज का ब्यौरा रखा है। इसके जरिये सरकारी बैंकों ने 2.43 करोड़ कर्ज वितरित किये थे जिनमें से 12.3 लाख लोन एनपीए बने हैं।
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