भुवनेश्वर: ओडिशा का एक गांव ऐसा है जहां हर साल 11 दिनों तक कंस एक महाराज की तरह जनता पर हुकूमत करते हैं, जनता ही नहीं मंत्री, संतरी, डीएम और पुलिस कप्तान तक उनके आदेश का पालन करते हैं. कंस महाराज सड़कों पर घूम कर तमाम व्यवस्था का जायजा लेते हैं, बढिय़ा काम के लिए अफसरों को पुरस्कृत व ख़राब काम के लिए दंड भी देते हैं. एक मर्तबा आधुनिक ओडिशा के निर्माता पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बीजू पटनायक को भी कंस महाराज सजा सुना चुके हैं, यदि आप यह नजारा देखना चाहते हैं तो इस साल 11-21 जनवरी को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से 320 किलोमीटर दूर बरगढ़ जिला पहुँच सकते हैं. वर्ष 1948 से यहां पर धनु यात्रा आयोजित होती चली आ रही है, इतने सालों से चली आ रही ये परंपरा अब विश्वभर में प्रसीध हो चुकी है.
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कार्यक्रम के आयोजकों के अनुसार, बरगढ़ जिले को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में सबसे बड़े रंगमंच (ओपेन) की मान्यता मिली हुई है, क्योंकि धनुयात्रा के दौरान पूरा शहर ही रंगमंच में बदल जाता है. बरगढ़ के दूसरे आश्चर्य महाभारत काल के राजा और श्रीकृष्ण के मामा कंस महाराज हैं. जिनका वध खुद भगवान श्रीकृष्ण ने किया था. उसी कंस महाराज को धनु यात्रा के दौरान लोग बरगढ़ में राजा की तरह मानते हैं.
ओडिशा के लोग कंस महाराज को एक बेहतरीन शासक, प्रजा की देखभाल करने वाला राजा और दंडविधान को सुचारू रूप से लागू करने वाला राजा मानता है, उन्होंने कहा कि कंस के राज्य में प्रशासन व्यवस्थित रहता है.
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उल्लेखनीय है कि धनु यात्रा के दौरान केवल कंस महाराज की ही चलती है, यहां मंत्री, संतरी, डीएम, एसपी यानी सभी कंस महाराज के दरबार में हाजिरी लगाते हैं और उनका हुकुम मानते हैं. एक बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे स्व. बीजू पटनायक को भी कंस महाराज सजा सुना चुके हैं, वे अपने 11 दिनों के शासन में पूरी व्यवस्था का जायज़ा लेते हैं और प्रशासन को निर्देश भी देते हैं.
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