बहुत ही महत्वपूर्ण है ऑर्डनेंस फैक्ट्री डे का इतिहास, जानिए
बहुत ही महत्वपूर्ण है ऑर्डनेंस फैक्ट्री डे का इतिहास, जानिए
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हर वर्ष 18 मार्च को मनाया जाने वाला ऑर्डनेंस फैक्ट्री डे का महत्व और विशेषता भारत में बहुत ही अहम् होती है. प्रत्येक वर्ष इस दिन को ऑर्डनेंस फैक्ट्री, फील्ड गन फैक्ट्री, स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री, ऑर्डनेंस पैराशूट फैक्ट्री और ऑर्डनेंस उपकरण फैक्टरी इस दिन को महान धूमधाम के साथ आयुध कारखानों में मनाते हैं जिसमें सभी श्रेणियों के कर्मचारी विभिन्न संगठित आयोजनों में भाग लेते हैं. तो चलिए जानते है इसकी विशेषता और इतिहास के बारें में... 

ऑर्डनेंस फैक्ट्री डे 2020 विशेष: देश भर में फैले ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों में अलग-अलग तरह के हथियार और युद्ध से जुड़े साजोसामान बनाये जाते है. ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों के बदौलत ही भारत दिन-प्रतिदिन रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी के संकल्प को बढ़ावा देते हुए और भी मजबूत होते जा रहा है. देश के रक्षा तथा विकास में इनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार द्वारा 18 मार्च का दिन आर्डिनेंस फैक्ट्री डे के रुप में बनाया जाता है. हर वर्ष के तरह इस वर्ष भी ऑर्डनेंस फैक्ट्री डे को देश भर में काफी उत्साह के साथ मनाया गया. इस दौरान देश भर में विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किये गये. इसी के तहत आयुध निर्माणी ईटारसी में 18 मार्च सोमवार को ऑर्डनेंस फैक्ट्री डे मनाया गया. इस दौरान वहां प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जहां आयुध उत्पादों की प्रदर्शनी लगायी गयी.

ऑर्डनेंस फैक्ट्री डे का इतिहास: यह एक परिचित तथ्य है कि भारत सरकार ने हर साल 18 मार्च को आयुध कारखाने दिवस का उत्सव घोषित किया था. ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड को लोकप्रिय रूप से देश के "रक्षा का चौथा हथियार" कहा जाता है. शेष तीन हथियार - नौसेना, वायुसेना और सेना है. उनमें से प्रत्येक का अपना उत्सव दिवस है. जैसा कि ऑर्डनेंस फैक्ट्री रक्षा का चौथा हथियार है सरकार को इसके लिए एक विशेष दिन को आयुध कारखाने दिवस के रूप में पालन करने की आवश्यकता महसूस हुई. यह दिन पहले आयुध कारखाने की 200वीं वर्षगांठ पर घोषित किया गया अर्थात गान कैरिज एजेंसी जिसे 1801 के वर्ष में कोसीपुर, कोलकाता में देश में स्थापित गन और शैल फैक्टरी के नाम से जाना जाता है. जानकारी के लिए हम बता दें कि 1775 के साल में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कलकत्ता के फोर्ट विलियम में आयुध मंडल की नींव की प्रशंसा की. यह भारतीय सेना आयुध के आधिकारिक प्रारंभ का प्रतिनिधित्व करता है. आयुध कारखानों का उद्देश्य रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता उत्पन्न करना और आम जनता के बीच गोला-बारूद और हथियारों के बारे में जागरूकता पैदा करना है.

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