नई दिल्ली : चेक बाउंस को लेकर हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक को अंजाम दिया गया. बैठक के बारे में आपको यह भी बता दे कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की इस बैठक में निगोशिएबल इंस्ट्रमेंट्स (संशोधन) अध्यादेश-2015 को अधिसूचित करने का फैसला लिया गया है. यह बताया जा रहा है कि इस अध्यादेश का मुख्य मकसद चेक बाउंस मामले को दाखिल किये जाने को लेकर न्यायिक क्षेत्राधिकार में स्पष्टता लाना है. जानकारी में आपको यह भी बता दे कि इस निगोशिएबल इंस्ट्रमेंट्स एक्ट-1881 में प्रस्तावित किये गए संशोधन का मुख्य मकसद अधिनियम की धारा 138 के अंतरगत किये गए अपराधों के तहत मामला दाखिल किये जाने को लेकर न्यायिक क्षेत्राधिकार में स्पष्टता लाना है.
इसके तहत ही यह बात भी सामने आई है कि अध्यादेश के अनुसार चेक बाउंस को लेकर उक्त मामला जिस क्षेत्राधिकार में बैंक स्थापित है वहीँ दायर किया जाना है, वह मामला वहीँ दर्ज किया जाना है जहाँ पावती चेक जमा किया जाना है. गौरतलब है कि फ़िलहाल देश में करीब 18 लाख लोग चेक बाउंस से जुडी समस्या और मुकदमे से लड़ रहे है.