भारत की हरियाणा सरकार तीन दिन में 1983 पीटीआई को नौकरी से हटा देगी. निदेशक मौलिक शिक्षा प्रदीप कुमार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए पीटीआई को रिलीव करने के आदेश जारी कर दिए. पीटीआई व उनमें से पदोन्नत होकर डीपीई इत्यादि बने शिक्षकों को नौकरी से हटाकर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को 31 मई तक निदेशालय को रिपोर्ट भेजनी होगी.
पीईबी चार प्रवेश परीक्षाओं की तारीख बढ़ाएगा आगे
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि निदेशक ने आदेशों में कोर्ट के निर्णय का हवाला दिया हुआ है. यह भर्ती हुड्डा सरकार के समय हुई थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने कुछ माह पहले निरस्त कर दिया था. हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग नए सिरे से इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर चुका है. निदेशक के आदेशों के खिलाफ हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ 29 मई 2020 को राज्य में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों पर 11 बजे काला दिवस मनाएगा. सरकार से मांग की जाएगी कि 1983 पीटीआई को कार्यमुक्त करने का आदेश वापस लिया जाए.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नियुक्त किए परिसीमन सदस्य
अपने बयान में संघ के राज्य प्रधान सीएन भारती, राजेंद्र प्रसाद बाटू कोषाध्यक्ष, राज्य महासचिव जगरोशन व राज्य सचिव सतबीर गोयल ने कहा कि सरकार को अपनी वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए 10 वर्षों से कार्यरत शारीरिक शिक्षकों की सेवा को बचाने का प्रयास करना चाहिए था. सरकार उच्चतम न्यायालय के फुल बेंच में 8 अप्रैल 2020 के निर्णय के विरुद्ध अपील कर सकती थी. सरकार ने किसी भी अपील व दलील को नहीं सुना. उच्चतम न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा है कि निर्णय को लॉकडाउन समाप्त होने के पश्चात 5 महीनों में लागू करे. सरकार ने लॉकडाउन भी समाप्त नहीं होने दिया.
पंजाब : राज्य में इन बांधों का बढ़ चुका है जलस्तर
देश के कई हिस्सों में आज बारिश और आंधी-तूफ़ान, मौसम विभाग ने जताया पूर्वानुमान
मास्क पहनने से हुआ इस एक्ट्रेस को फायदा, शॉपिंग करने गई तो किसी ने नहीं पहचाना