विपक्ष का नुस्खा, हाथ मिलाओ और भाजपा को हराओ
विपक्ष का नुस्खा, हाथ मिलाओ और भाजपा को हराओ
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीट गोरखपुर-फूलपुर और बिहार के अररिया में मिली हार से भाजपा सकते में है. गोरखपुर को जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अभेद किला माना जाता था, वहीं फूलपुर को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का गढ़ माना जाता था. इन दोनों ही सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की है, वहीं बिहार के अररिया में भी आरजेडी ने भाजपा को भारी मतों से हराया है. जिससे विपक्ष को जश्न मनाने के अवसर के साथ-साथ, भाजपा को पटखनी देने का नुस्खा भी मिल गया है.

लोकसभा की तीन सीटों के उपचुनाव के नतीजे इस बात को रेखांकित करते हैं कि विपक्षी दलों की एकजुटता बीजेपी के मजबूत किले को भी भेद सकती है. बीजेपी के रणनीतिकार 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के लिये उत्तर प्रदेश और बिहार पर विशेष ध्यान दे रहे हैं और अब इन नतीजों से उनको अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने की जरूरत पड़ सकती है. हालांकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस इस हार को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे हैं, उनका कहना है कि इससे केंद्र सरकार को कोई असर नहीं पड़ेगा. 

आपको बता दें कि, गोरखपुर में सपा के प्रवीण निषाद ने बीजेपी के उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21961 वोट से हराया, यह सीट 1989 से बीजेपी के पास थी. वहीं सपा के नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल ने फूलपुर सीट पर बीजेपी के कौशलेंद्र सिंह पटेल को 59,460 वोट से हराया. इसके अलावा अररिया लोकसभा सीट पर आरजेडी के उम्मीदवार सरफराज आलम ने बाजी मारी है. उन्होंने बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह को 61,788 मतों से हराया है. अब देखना यह है कि उपचुनावों में सपा और बसपा के गठबंधन की सफलता को देखने के बाद, क्या विपक्ष 2019 में भी भाजपा को पछाड़ने का यही तरीका अपनाता है. 

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