राजस्थान सरकार के अध्यादेश पर जमकर मचा बवाल
राजस्थान सरकार के अध्यादेश पर जमकर मचा बवाल
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जयपुर। राजस्थान विधानसभा में विवादित क्रिमिनल लॉज राजस्थान अमेंडमेंट अध्यादेश सोमवार को पेश हो गया। इस अध्यादेश के पारित हो जाने के बाद पुलिस विभाग में न्यायाधीशों, अधिकारियों, सरकारी कर्मचारियों व बाबुओं के विरूद्ध शिकायत करना या फिर न्यायालय में वाद दायर करना आसान नहीं होगा। इसके लिए सरकार की स्वीकृति की आवश्यकता होगी। इस विधेयक का कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने जमकर विरोध किया। उनका कहना था कि विधेयक के प्रभाव से सत्ताधारी दल मजबूत होगा और राज्य में भ्रष्टाचार बढ़ने की संभावना होगी।

अध्यादेश को लेकर कांग्रेस के विधायकों ने राजस्थान कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। सचिन पायलट ने कहा कि सरकार अपने भ्रष्टाचारों पर परदा डाले रखना चाहती है। हम इस मामले में राष्ट्रपति को अपना ज्ञापन सौंपेंगे। विधेयक के विरूद्ध आम आदमी पार्टी भी एकजुट नज़र आई। पार्टी ने राजस्थान प्रभारी डाॅ. कुमार विश्वास के नेतृत्व में विरोध किया।

इस दौरान आम आदमी पार्टी के नेताओं ने ने चेतावनी देते हुए कहा कि, वसुंधरा सरकार काला अध्यादेश वापस ले ले, यदि अध्यादेश वापस नहीं लिया गया,तो पार्टी प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि, यदि सरकार ने इस विधेयक को वापस नहीं लिया तो फिर, हम जनहित याचिकाऐं दायर करेंगे।

इस अध्यादेश के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। गौरतलब है कि, राजस्थान सरकार ने पिछले महीने आपराधिक कानून राजस्थान संशोधन,अध्यादेश,2017 जारी किया था,जिसमें राज्य के सेवानिवृत्त और सेवारत न्यायाधीशों, मजिस्ट्रेटों और लोकसेवकों के खिलाफ ड्यूटी के दौरान किसी कार्रवाई को लेकर सरकार की पूर्व अनुमति के बिना जांच से उन्हें संरक्षण देने की बात की गई है। अध्यादेश में कहा गया कि सरकार की रिपोर्ट आने तक मीडिया इस मामले में कोई भी प्रकाशन या प्रसारण नहीं कर पाएगा।

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