गौरखालैंड समर्थक भुजेल की मौत पर जताया विरोध
गौरखालैंड समर्थक भुजेल की मौत पर जताया विरोध
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कालिम्पोंग। दार्जिलिंग पहाड़ के कालिम्पोंग क्षेत्र में बरूण भुजेल की पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गई। वे नगर पालिका के वार्ड 16 के कमिश्नर थे। उनके निधन से राजनीति गर्मा गई। इस दौरान पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार का विपक्षियों ने विरोध किया। विरोध करने वालों ने कहा कि ममता बनर्जी तनाशाही भरा रवैया अपना रही हैं। इस घटना के विरोध में काले झंडे क्षेत्र में लहराए गए और लोगों ने शोकस्वरूप अपने प्रतिष्ठान बंद रखे।

दूसरी ओर भुजेल को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख बिमल गुरुंग ने बेहद भावनात्मक ऑडियो मैसेज जनता के सामने रखा है। भुजेल को श्रद्धांजलि दी ग ई। गोरखा नेताओं के लिए इसे एक संदेश बताया गया है। उपस्थित नेताओं और लोगों ने भुजेल को श्रद्धांजलि देने के साथ कहा कि वे गोरखालैंड के सच्चे समर्थक थे और उनके निधन से यह साफ हो गया है कि सरकार इस तरह की मांग करने वालों को मृत्यु के मुख तक पहुंचाएगी।

गौरतलब है कि 16 जून को भुजेल को गिरफ्तार किया गया था। बंगाल पुलिस की हिरासत ममें उनकी मौत हो गई। कहा गया कि उन्हें पेनक्रियाज से संबंधित बीमारी हो गई थी। उनकी मौत से सरकार और पुलिस पर आरोप लग रहे हैं। पहाड़ क्षेत्र के वे नेता जो भुजे के समर्थक थे इस घटना से गमगीन हो उठे। उनका कहना था कि गोरखालैंड प्रेमी की इस तरह से मृत्यु होना बेहद गंभीर है।

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