राष्ट्रपिता के नाम पर राजनीति करने को लेकर गोयल का विरोध
राष्ट्रपिता के नाम पर राजनीति करने को लेकर गोयल का विरोध
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नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद विजय गोयल को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना करना महंगा पड़ गया है। उनका विपक्षियों द्वारा विरोध किया गया है। मामले में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता शकील अहमद द्वारा आपत्ती जताई गई कि सांसद गोयल दो महान शख्सियतों को अलग-अलग देख सकते हैं, दूसरी ओर जेडी- यू के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि गोयल मंत्री बनना चाहते हैं, दूसरी ओर वे इतना ही नहीं स्वयं भाजपा के अंदर होर्डिंग्स को लेकर अपनी राय को अलग रख सकते हैं।

दिल्ली में भाजपा के नेता द्वारा टिप्पणी की गई। दिल्ली प्रदेश संगठन के निर्वाचन के दौरान उन्हें अध्यक्ष चुना गया। उनका कहना था कि राष्ट्रपिता के नाम पर राजनीति करना ठीक नहीं है। दिल्ली में भाजपा के नेता द्वारा टिप्पणी की गई कि दिल्ली प्रदेश के संगठन चुनाव भी होने वाले हैं। इस मामले में उन्होंने नया अध्यक्ष चुने जाने की संभावनाओं पर भी चर्चा की। इस मामले में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका से वापस आ सकते हैं। इस दौरान सभी को प्रभावित किया।

उन्होंने इन बातों से इंकार नहीं किया। उनकी इस तरह की पंक्तियों से किसी को आपत्ती नहीं रही। यह भी कहा गया कि कांग्रेस 60 वर्षों तक राजनीति करती रही। उन्होंने कहा कि राजनीति को गांधीवाद और गांधीगिरी का नाम देने की बात पर आपत्ती नहीं ली जाती है। 

महात्मा गांधी द्वारा कांग्रेस को भंग किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।इस मामले में यह भी कहा गया कि सरकार अपने होर्डिंग्स को ऐसे स्थान पर चस्पा करने में लगी रहती है जो पार्टी सदस्यों के घरों के पास हों और दूसरी ओर इनके माध्यम से सरकार की पब्लिसिटी भी हो।

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