नई दिल्ली : वन रैंक वन पेंशन(OROP) के मुद्दे को लेकर काफी गहमागहमी का मंजर देखने को मिला है और अब इसी मुद्दे को लेकर रक्षा मंत्री ने भी एक बयान दिया है. बताया जा रहा है कि वन रैंक वन पेंशन के क्रियान्वन पर होने वाले खर्च को लेकर देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को यह कहा है कि इसपर होने वाला खर्च रक्षा मंत्रालय को आवंटित किये गए बजट से मात्र 2.2 प्रतिशत अधिक होना है.
फिक्की के द्वारा हाल ही में आयोजित एक सम्मलेन में पर्रिकर ने कहा है कि "OROP के क्रियान्वन के लिए केवल रखा मंत्रालय के बजट से 2.2 प्रतिशत अधिक बजट की ही जरुरत है और बेवजह होने वाले खर्चों से बचाकर मैं इस राशि का इन्तेजाम कर सकता हुँ.
इसके साथ ही पर्रिकर का यह भी कहना है कि नए तरीकों के इस्तेमाल के साथ ही बिचोलियों को हटाकर इसकी व्यवस्था भी की जा सकती है. इसके साथ ही पूर्व सैनिको के द्वारा जारी किये गए OROP को लेकर सामने आये आंदोलन को देखते हुए उन्होंने यह भी कहा है कि "यह लोकतांत्रिक अधिकार है, जिसे आप छीन नहीं सकते है."