नई दिल्ली : राजनीतिक पार्टियों द्वारा काफी समय से देश में एक राष्ट्र एक चुनाव की मांग चल रही है. कई पार्टियां कई बार इस मुद्दे को हवा दे चुकी है. लेकिन इसी बीच मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने भविष्य में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की संभावना को खत्म कर दिया.
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मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस मुद्दे पर कहा कि दोनों चुनाव एक साथ कराने के लिए कानूनी ढांचा स्थापित किए जाने की जरूरत है. बात दें कि इस वर्ष यह माना जा रहा था कि इस साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में निर्धारित विधानसभा चुनावों को आगे बढ़ाया जा सकता है और उन्हें अगले साल मई-जून में लोकसभा चुनावों के साथ आयोजित किया जा सकता है.
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गौरतलब है कि मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल 15 दिसंबर को खत्म होने वाला है जबकि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमश: पांच जनवरी, सात जनवरी और 20 जनवरी, 2019 को खत्म हो जाएगा. मुख्य चुनाव आयुक्त से संवाददाताओं ने जब सवाल किया गया कि क्या लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना संभव है. तो उनका जवाब था यह संभव ही नहीं है. इसके लिए पहले कानून बनाने की जरुरत है.
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