कर्जमाफ़ी ना होने के डर ने ली किसान की जान
कर्जमाफ़ी ना होने के डर ने ली किसान की जान
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उत्तर प्रदेश के बहराइच में कर्ज़ से बोझ तले एक किसान मारा गया. यह हालात तब हैं जबकि यहाँ किसानों के कर्ज़माफी के दावे किए जा रहे हैं. किसान के परिजनों का आरोप है कि किसान पर 2 लाख रुपए कर्ज़ था. वह इसे माफ कराने के लिए काफी समय से बैंकों के चक्कर काट रहा था. कर्ज़माफी न होने के चलते सदमे से उसकी मौत हो गई.

रिसिया थाने के इटकौरी गांव के रहने वाले 71 वर्षीय ओंकार तिवारी पुत्र परमेश्वर दीन ने नवंबर 2014 में, इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक की सिसई सलोन शाखा से, 2.73 लाख का फसली ऋण लिया था. लेकिन बदलते मौसम के कारण फसल तबाह हो गई. उसने जैसे-तैसे करके लगभग 80 हजार रुपए बैंक को लौटा दिए. इसके बाद उसके ऊपर लगभग 1.93 लाख रुपए बकाया थे. परिजनों ने बताया कि राजस्व लेखपाल ने उससे भी कर्ज़ माफी की औपचारिकता पूरी कराई थी. जिसके बाद किसान कर्ज़ माफ़ी के लिए बैंक के चक्कर लगा रहा था, लेकिन बैंककर्मी उसे कर्ज़ माफी को लेकर कुछ भी नहीं बता रहे थे.

परिजनों का आरोप है कि इसी सदमे में आकर गुरुवार की सुबह अचानक उसकी स्थिति गंभीर हो गई और उसकी मौत हो गई. ओंकार के बड़े बेटे 32 वर्षीय प्रदीप ने सरकार से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. जिला कृषि अधिकारी राम शिष्ट का कहना है कि ओंकार के केसीसी खाता का नवीनीकरण हो चुका था, इसलिए वह कर्ज़ माफी की श्रेणी में नहीं आता था. 

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