डोकलाम विवाद से सबक लेते हुए भारत भविष्य में ऐसी परेशानी से निपटने के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार होना चाहता है. इसके तहत अब चीनी सरहद से सटे लद्दाख के इलाके में और हवाई अड्डों का निर्माण किया जाएगा, ताकि युद्ध की स्थिति में ज्यादा सैनिकों को जल्द सरहद तक पहुंचाया जा सके.
इस संबंध में रक्षा क्षेत्र के एक अधिकारी ने जो बताया उसके अनुसार भारत के लिए लद्दाख जैसे इलाके में सैनिकों की तैनाती करना कठिन रहता है. बहुत ज्यादा सर्दी में तो यह काम और भी कठिन हो जाता है,ऐसे में हवाई मार्ग से बहुत फायदा होगा. इसके लिए वायु सेना ने ऐसे इलाकों की पहचान करना शुरू कर दिया है, जहाँ निकट भविष्य में हवाई अड्डों का निर्माण किया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के तहत न्योमा हवाई अड्डे का भी नवीनीकरण संभावित है, जिसका 1962 की लड़ाई के बाद उपयोग करना बंद कर दिया गया था. हालांकि, 2009 में उसे फिर से शुरू किया गया, लेकिन अभी उसमें कई काम होना बाकी है. हवाई अड्डों के निर्माण की इस नई योजना में इसका भी काया कल्प हो जाएगा.
यह भी देखें