तमिलनाडु: तमिलनाडु में पुलिस प्रशासन के प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर सलेम पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने का आदेश दिया जा चुका है. उन्होंने पोलाची यौन उत्पीड़न केस के 5 आरोपियों को कोयंबटूर में सड़क के किनारे काफी समय तक अपने परिजनों से मिलने और बात करने की अनुमति दी. जिसके उपरांत पांचों प्रमुख आरोपी - थिरुनावकारसु, सबरीराजन, सतीश और वसंतकुमार को लेकर पुलिस वैन कोयंबटूर महिला अदालत में पेशी करवाने के लिए गए और वहां से उन्हें वापस सलेम जेल में भेज दिया गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सलेम सिटी पुलिस आयुक्त नजमल होदा ने विशेष एसआई सुब्रमण्यन, जीआर1 पुलिस प्रभु, वेल कुमार, कार्तिक और कांस्टेबल राज कुमार, नटराजम और राजेश कुमार के खिलाफ तुरंत जांच करते हुए सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया. ये पुलिस कर्मी आरोपियों को ले जाने वाली एस्कॉर्ट टीम में शामिल थे. जहां इस बात का पता चला है कि 19 वर्ष की लड़की के यौन उत्पीड़न का केस 2019 में देखने को मिला है, जिसमें एक रैकेट के हाथ होने का पता चला जो ब्लैकमेल, यौन शोषण और जबरन वसूली जैसे आपराधिक गतिविधयों में लिप्त था. इस रैकेट का ठिकाना पोलाची के पास चिन्नाप्पपलयम में एक पुराना फार्महाउस था, जो मक्कीनामपट्टी के 28 वर्षीय के. थिरुनावुक्कारासु का है.
पोलाची टाउन ईस्ट पुलिस ने 24 फरवरी 2019 में युवती का केस दर्ज किया और कार्रवाई करना शुरू की. इस केस में अगले ही दिन पुलिस ने थिरुनावुक्कारासु के दोस्त MGR नगर निवासी एन रिश्वंत उर्फ सबरीराजन (26), सुलिस्वरनपट्टी के एन. सतीश (30) और टी. वसंतकुमार (25) को गिरफ्तार किया था.इस केस में पुलिस ने जांच के उपरांत अन्नाद्रमुक पार्टी के सदस्य बार नागराज को हिरासत में लिया गया जिन्हें गिरफ्तारी के अगले ही दिन पार्टी से बहिष्कार कर दिया गया था.
जनवरी 2021 में सीबीआई ने यौन उत्पीड़न और रंगदारी मामले में तीन और आरोपियों अरुलानंथम (34), हेरोन पॉल (29) और बाबू (30) को हिरासत में लिया गया था. इस मामले में कुल नौ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
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