OMG! पानी की कमी वाले शहर बन सकते है कोरोना का अगला शिकार
OMG! पानी की कमी वाले शहर बन सकते है कोरोना का अगला शिकार
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वाशिंगटन: जैसा की हम सभी इस बारें में जानते है कि कोरोना वायरस आज पूरी दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोगों की मौत का कारण बनता जा रहा है, हर दिन इस वायरस की चपेट में आने से लगातार हजारों लोगों की मौतें हो रही है, इतना ही नहीं इस वायरस का संक्रमण आज इस कदर बढ़ चूका है कि दुनियाभर में लाखों की तादाद में लोग इस समस्या से पीड़ित है. वहीं यदीन हम बात करें दुनियाभर में मौत के आंकड़ों की तो आधिकारिक वेबसाइट WORLDOMETER के अनुसार अब तक मरने वालों की संख्या 343,983 हो चुकी है, ऐसे में जिम्बाब्वे के चिटुंगविजा की वायलेट मैनुएल ने जैसे ही सड़क पर एक लड़के को पानी, पानी चिल्लाते हुए सुना वह अपने रिश्तेदार के अंतिम संस्कार को छोड़ दो कंटेनर लेकर पानी लेने चली गईं और दैनिक राशन पाने के लिए जुटे दर्जनों लोगों की भीड़ में शामिल हो गईं. 

मिली जानकारी के अनुसार अपने हिस्से का 40 लीटर पानी लेने के बाद राहत की सांस लेते हुए 71 वर्षीय वायलेट ने तंज कसते हुए कहा, सोशल डिस्टेंसिंग और यहां? हालांकि वह कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे पानी तो मिल गया लेकिन इसकी आशंका भी बढ़ गई है कि मुझे बीमारी भी मिल गई है.' इसके बाद भी जो पानी उन्हें मिला है उससे उनकी योजना हाथ धोने की नहीं बल्कि, बर्तन धोने और बाकी जरूरी काम निपटाने की है. इससे स्पष्ट होता है कि दुनिया भर की मलिन बस्तियों, शिविरों और ऐसी जगहों जहां साफ पानी दुर्लभ है, जहां जीवन एक दैनिक संघर्ष बन चुका है, वहां कोरोना को रोकना कितनी बड़ी चुनौती है.  एक चैरिटी समूह वाटरएड के मुताबिक ब्राजील के स्थानीय समुदायों से लेकर उत्तरी यमन के युद्ध प्रभावित गांवों के करीब 300 करोड़ लोगों के पास हाथ धोने के लिए साफ पानी नहीं है. समूह के मुताबिक कोरोना की रोकथाम के लिए किसी भी वास्तविक प्रतिबद्धता के बिना वैश्विक फंडिंग केवल वैक्सीन और इलाज पर जा रही है.

जंहा इस बात का पता चला है कि, लगभग एक दशक के गृह युद्ध ने सीरिया के पानी के बुनियादी ढांचे को बहुत नुकसान पहुंचाया है. जिसके चलते लाखों लोगों को वैकल्पिक उपायों का सहारा लेना होगा. इदलिब के अंतिम विद्रोही क्षेत्र में संसाधनों की स्थिति बेहद चिंताजनक है जहां हालिया सैन्य अभियानों ने लगभग 10 लाख लोगों को विस्थापित किया है.  इदलिब में रहने वाले तीन बच्चों के पिता यासिर अबूद कहते हैं कि अपने परिवार को कोरोना से बचाने के लिए अब वह पहले से दोगुना पानी खरीदने लगे हैं. उनकी और उनकी पत्नी बेरोजगार हो चुके हैं और पानी खरीदने के लिए कपड़ों और खाने के खर्चे में कमी कर रहे हैं. यमन में पांच साल के युद्ध ने करीब 30 लाख लोगों को विस्थापित कर दिया है जिनके पास पानी का कोई सुरक्षित संसाधन नहीं है. वहीं, इस बात की आशंका बढ़ रही है कि कुएं जैसे स्रोत दूषित हैं. 

ब्राजील के मनोस में एक गरीब स्थानीय समुदाय के 300 परिवारों को एक गंदे कुएं से एक सप्ताह में तीन दिन पानी मिल पा रहा है. नेन्हा रीस कहती हैं, पानी यहां सोने की तरह है. हाथ धोने के लिए वह लोग वितरित किए गए सैनिटाइजर पर निर्भर हैं. रीस और कई अन्य लोगों में पिछले महीने कोविड-19 से लक्षण सामने आए थे. यूनिसेफ की पानी और सफाई दल से जुड़े ग्रेगरी बिल्ट कहते हैं कि कोरोना वायरस के मामलों को निश्चित रूप से पानी की पहुंच से जोड़ना गहरी जांच के बिना आसान नहीं है. लेकिन हम यह जरूर जानते हैं कि बिना पानी के खतरा ज्यादा है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अकेले अरब क्षेत्र में करीब सात करोड़ 40 लाख लोग ऐसे हैं जिनके पास हाथ धोने की मूलभूत सुविधा नहीं है. 

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