न्यायालय से उमर अब्दुल्ला को मिली मायूसी!
न्यायालय से उमर अब्दुल्ला को मिली मायूसी!
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जम्मू कश्मीर। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के लिए एक मायूसीभरा निर्णय सामने आया है। दरअसल दिल्ली उच्च न्यायालय ने उने पारिवारिक विवाद के मामले में उन्हें राहत देने से इन्कार कर दिया है। न्यायालय ने उनकी पत्नी को गुजारा भत्ता देने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर उन्हें राहत प्रदान की थी। इस मामले में न्यायालय ने याचिका का हल करने के लिए निर्णय लिया हैं जिसमें उन्हें निचली अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा गया।

अब्दुल्ला ने इस मामले में सुनवाई रोकने और अंतरिम गुजारा भत्ता देने संबंधी आदेश को चुनौती प्रदान की थी। उमर अब्दुल्ला ने इस मामले में तर्क दिया था कि उनकी पत्नी पायल और उनके दो पुत्रों द्वारा गुजारा भत्ता को लेकर दायर की गई याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इस मामले में याची के वकील ने बहस की और कहा कि पायल अब्दुल्ला स्वयं के मकान में रहती हैं वे स्वयं व्यवसाय करती हैं।

यदि वे अपना खर्चा उठाने में सक्षम नहीं है तो फिर उसी स्थिति में उन्हें गुजारा भत्ता मिल सकता हैं पायल अब्दुल्ला ने अपने उत्तर में कहा कि, आखिर क्या पति अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देने से इन्कार कर सकता है। उमर ने निचली अदालत के नौ सितंबर 2016 को समन जारी करने के आदेश को चुनौती दी थी।

मगर इस मामले में उन्हें राहत नहीं मिली, अब मामले की सुनवाई 12 दिसंबर को होगी। हालांकि न्यायालय में उच्च न्यायालय के आदेश के विरूद्ध पुनर्विचार याचिका विचाराधीन है। गौरतलब है कि निचली अदालत ने दोनों के तलाक की याचिका को 30 अगस्त 2016 को खारिज कर दिया था।

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