नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज यानि गुरुवार को नए संसद भवन का शिलान्यास किया. आजादी के 75 साल पूरे होने तक ये नई इमारत बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगी. संसद भवन की नई ईमारत अधिक बड़ी, आकर्षक और आधुनिक सुविधाओं वाली है. इसी बीच हम आपको पुराने संसद भवन के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य की जानकारी दे रहे हैं।
दरअसल, संसद भवन को 93 वर्ष पूर्व अंग्रेजों ने 83 लाख रुपये में बनवाया था, जबकि नए संसद भवन की लागत 971 करोड़ रुपये बताई जा रही है. ऐसा बताया जाता है कि अंग्रेजों ने संसद भवन का डिजाइन मध्य प्रदेश में स्थित मुरैना जिले के एक छोटे से गांव में स्थिति प्राचीन मंदिर से लिया था. इस मंदिर का नाम मितावली-पड़ावली का चौसठ योगिनी मंदिर है. कई रिपोर्ट्स में इस बात का उल्लेख है कि इसे संयोग कहें या हकीकत, लेकिन ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस ने इस मंदिर को आधार मानकर ही संसद भवन बनवाया था. हालांकि कभी इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. किन्तु यह मंदिर अंदर और बाहर दोनों तरफ से संसद भवन से मेल खाता है.
संसद भवन का डिजाइन उस दौर से जाने माने ब्रिटिश वास्तुविद एडविन के लुटियन ने साल 1912-13 में तैयार किया था. इसका निर्माण 1921 से 1927 के मध्य हुआ था. 1927 में इसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन वायसराय लार्ड इरविन द्वारा किया गया था. भवन का निर्माण अंगेजों ने दिल्ली में नई प्रशासनिक राजधानी बनाने के लिए किया था. स्वतंत्रता के बाद यह संसद भवन बन गया.
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