Apr 08 2017 07:00 AM
भगवान शनिदेव अपने हिसाब से किसी को न तो शुभ फल देते है और न ही दंडित करने का ही काम करते है। शनिदेव लोगों के साथ जो भी करते है वह गुरु की आज्ञा से ही करते है। शनि साधकों का कहना है कि भगवान शंकर ने यमराज को मनुष्य के कर्मों का लेखा-जोखा और शनि को धरती पर जीवों को उनके अनुचित कर्म अनुसार दंडित और पुरुस्कृत करने के लिए कार्य सौंपा है।
इसलिए शनि अपने गुरु की आज्ञा से ही दंड देने और पुरुस्कृत करने अर्थात शुभ फल देने का कार्य करते है। इसके अलावा भारतीय ज्योतिष शास्त्र में शनि सौर मंडल की बारह राशियों में से मकर व कुंभ राशि शनि के प्रभाव में आती है, इन राशियों के स्वामी शनि देव है।
कोई भी ग्रह बुरा नहीं होता है, इसलिए शनि ग्रह को भी बिल्कुल बुरा नहीं माना जाता है क्योंकि सभी ग्रह कर्मों के हिसाब से ही संबंधित जातकों के साथ न्याय करते है।
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