नई दिल्ली : ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और बॉम्बे डाइंग के चेयरमैन नुस्ली वाडिया को टाटा स्टील के स्वतंत्र संचालक पद से हटा दिया गया है. बुधवार को कंपनी की हुई ईजीएम में वाडिया की गैर मौजूदगी में उन्हें बहुमत से हटाया गया. नुस्ली के हटाए जाने के पक्ष में 90.80 फीसदी शेयरधारकों नेअपना मत दिया.बताया जा रहा है कि साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद वाडिया के टाटा ग्रुप के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा से मतभेद उभर गए थे.
उल्लेखनीय है कि टाटा स्टील के डायरेक्टर पद से हटाए जाने से पहले नुस्ली वाडिया ने पिछले हफ्ते टाटा ग्रुप के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज किया था.मानहानि के एवज में 3 हजार करोड़ रुपए मुआवजे के तौर पर मांगे गए थे.हालांकि वाडिया ने टाटा स्टील के शेयर होल्डर्स से अपने खिलाफ वोट नहीं करने की अपील कर कहा था कि मैं रहूं या जाऊं, लेकिन स्वतंत्र संचालक की गरिमा बनी रहनी चाहिए.
नुस्ली वाडिया पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि मिस्त्री के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.उन्होंने मिस्त्री की चेयरमैनशिप का खुलकर समर्थन किया था.इसीलिए वे रतन टाटा के कोप का शिकार बने. अब टाटा सन्स ने वाडिया को टाटा केमिकल्स के स्वतन्त्र संचालक पद से हटाने के लिए प्रस्ताव आगे बढ़ा दिया है.