हिन्दू-मुस्लिम एकता का संगम-नूंह
हिन्दू-मुस्लिम एकता का संगम-नूंह
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राजधानी दिल्ली से महज 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नूंह जिला हिन्दू मुस्लिम रूपी मजहबी धाराओं का संगम कहा जा सकता है. नूंह को पहले मेवात जिला के नाम से जाना जाता था. नाम भले ही बदल गया हो, लेकिन हिन्दू - मुस्लिम भाईचारे में तनिक भी फर्क नहीं आया है. यह आज भी उसी तरह कायम है.

मेवात सदियों से आपसी भाईचारे और सौहार्द के लिए जाना जाता है. हाल ही में तीन दिवसीय गीता जयंती समारोह का समापन हुआ है और अब ईद मिलादुन्नबी का पर्व मनाया जा रहा है. नूंह में आज से बड़ा इस्लामिक जलसा शुरू हो गया, जिसमें हजरत जी निजामुद्दीन नई दिल्ली के अलावा दूरदराज से बड़े उलेमा शामिल होंगे और तकरीर से इस्लाम धर्म का प्रचार करेंगे. इसके अलावा जलसे के अंतिम दिन, दर्जनों इस्लामिक जमातें देश-विदेश में इस्लाम धर्म के प्रचार के लिए निकलेंगी. इस जलसे में दुनिया में अमन - शांति की दुआ भी की जाएगी. शनिवार से लोग इस इस्लामिक जलसे में पहुंचना शुरू होंगे. यह जलसा तीन दिन चलेगा, जिसमें लाखों लोगों के आने की संभावना है.

लाखों लोगों की भीड़ के बावजूद भी पुलिस के खास इंतजाम की ज़रूरत नहीं पड़ती, क्योंकि लोग खुद खाने-पीने की चीजों से लेकर सुरक्षा की जिम्मेवारी खुद संभालते हैं. देश-दुनिया भले ही सांप्रदायिक हिंसा की आग में जलने को तैयार बैठा हो, यहाँ हमेंशा अमन की बयार बहती है.

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