जल्द ही  प्रधान डाकघरों में भी  बनने लगेंगे पासपोर्ट
जल्द ही प्रधान डाकघरों में भी बनने लगेंगे पासपोर्ट
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नई दिल्ली : विदेश जाने के लिए पासपोर्ट जरुरी है. देश में पासपोर्ट बनवाने वाले आवेदकों की निरंतर बढ़ती संख्या को देखते हुए विदेश मंत्रालय पासपोर्ट कार्यालयों के अलावा अब प्रधान डाक घरों को भी पासपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी दिए जाने पर विचार कर रहा है. इन पासपोर्ट सेवा केंद्रों को 'पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र' (पीओपीएसके) नाम से पुकारा जाएगा.25 जनवरी से कर्नाटक के मैसूर और गुजरात में दाहोद के दो प्रधान डाकघरों में इसका पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा.इसकी सफलता के बाद इसे देश भर में लागू किया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि फ़िलहाल पासपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी देश भर में फैले 38 क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों तथा उनसे संबद्ध 89 पासपोर्ट सेवा केंद्रों (पीएसके) पर है. पीएसके का संचालन निजी भागीदारी में टाटा समूह की कंपनी टीसीएस कर रही है, जो पासपोर्ट आवेदकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं एवं सेवाएं उपलब्ध कराती है.भारत सरकार हर साल करीब डेढ़ करोड़ आवेदकों को पासपोर्ट जारी करती है.यह संख्या हर साल बढ़ती जा रही है.इसीको देखते हुए डाकघरों को जिम्मेदारी दी जा रही है.

बता दें कि पासपोर्ट अभियान के तहत जल्द ही मध्य प्रदेश के इंदौर, राजस्थान में उदयपुर, पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी और महाराष्ट्र के शोलापुर में एक-एक कर कुल चार पीएसके खोले जाएंगे. इसके अलावा पासपोर्ट आवेदनों को तेजी से निपटाने के लिए देशभर में पासपोर्ट शिविर भी लगाए जाएंगे.

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